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देश की तमाम सड़कों पर करोड़ों गाड़ी, रिक्शे और ठेले गुजरते हैं. लेकिन, सोमवार को भोपाल की एक सड़क पर खड़े एक ठेले ने पूरे ट्विटर का ध्यान खींच लिया. जिससे एक औरत पपीते उठाकर लगातार फेंके जा रही थी. ये वीडियो सोशल मीडिया पर काफी वायरल हो रहा है. वायरल वीडियो में ठेले वाला औरत से मिन्नत करता दिख रहा है, लेकिन औरत अपनी गाड़ी में पपीते से भरा ठेला लगने से इतना गुस्सा थी कि आंखों के सामने सिर्फ बदला दिख रहा था. शायद, बाद में औरत को ऐसा करने का अफसोस भी हो… शायद… 
लेकिन, सवाल ये है कि लोगों के दिमाग पर गुस्सा आखिर क्यों इतना हावी हो जाता है. इस क्रोध का क्या कारण होता है और आयुर्वेद इसके बारे में क्या कहता है. इस आर्टिकल में हम ऐसा सबकुछ जानेंगे….
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धूप में ज्यादा आता है गुस्सा – आयुर्वेदआयुर्वेदिक एक्सपर्ट और कई किताबों के लेखक डॉ. अबरार मुल्तानी ने बताया कि जिन लोगों का पित्त दोष असंतुलित हो जाता है. उन्हें छोटी-छोटी बात पर क्रोध आने लगता है. पित्त का मतलब आग होता है, इसलिए धूप में गुस्सा आने का खतरा ज्यादा होता है. डॉ. मुल्तानी चीनी दार्शनिक कन्फ्यूशियस को कोट करते हुए कहते हैं कि क्रोध की स्थिति में किसी भी काम को करने में देर कर देनी चाहिए. क्योंकि, क्रोध के दौरान आपकी बुद्धि निम्न स्तर पर होती है. ऐसे में कोई भी फैसला लेने या बदला लेने से बाद में अफसोस होना लाजमी है. समय बीतने के साथ गुस्सा शांत होने लगता है और आप समझदारी से कोई भी फैसला ले सकेंगे.
How to control anger: गुस्सा शांत करने के लिए क्या करें?
डॉ. मुल्तानी बताते हैं कि क्रोध का वेग तीव्र होता है. जिसे शांत करने के लिए गहरी सांसें लेनी चाहिए.
अगर आप धूप में या गर्म वातावरण में हैं, तो छाया या शीतल वातावरण में चले जाएं.
पित्त दोष को संतुलित व शांत करने के लिए कफ वाले फूड जैसे केले का रोजाना सेवन करना चाहिए.
पर्याप्त पानी पीएं और दूध को भी डाइट में शामिल करना चाहिए.
वहीं, खट्टे फलों को खाने से बचें.

गुस्सा करने का फायदा भी हो सकता हैमेडिकल साइंस भी गुस्से को सेहत के लिए नुकसानदायक मानता है. जिसके कारण हाई ब्लड प्रेशर, तेज धड़कन, सिरदर्द, पसीना, स्ट्रेस हॉर्मोन कोर्टिसोल का अधिक उत्पादन, एंग्जायटी आदि समस्याएं हो सकती हैं. ऑस्ट्रेलिया के विक्टोरिया राज्य की सरकारी हेल्थ वेबसाइट ज्यादा गुस्से के कारण स्ट्रोक और हार्ट अटैक का खतरा भी बताती है.
लेकिन, American Psychological Association के मुताबिक, गुस्सा विरोध करने का एक तीव्र भाव है. जो कि कई बार फायदेमंद भी साबित हो सकता है, अगर सीमित मात्रा और तरीके से जाहिर किया जाए. इससे आपके दिमाग की नेगेटिव फीलिंग्स तुरंत निकल जाती हैं.
यहां दी गई जानकारी किसी भी चिकित्सीय सलाह का विकल्प नहीं है. यह सिर्फ शिक्षित करने के उद्देश्य से दी जा रही है.

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