[ad_1]

अंजलि सिंह राजपूत/लखनऊ : सोने की अंगूठी पहनना हम सभी को पसंद होता है, लेकिन यह सोने की अंगूठी हमारी उंगलियों तक पहुंचने से पहले एक लंबी प्रक्रिया से होकर गुजरती है. जिसमें तीन कारीगर शामिल होते हैं और पांच घंटे का वक्त एक सोने की अंगूठी को बनने में लगता है तो. चलिए आज हमआपको इस रिपोर्ट में इसकी एक-एक प्रक्रिया बताते है.

1- सबसे पहले सोने के छोटे से टुकड़े को लिया जाता है और लगभग आधे घंटे तक इसे आग में तपाया जाता है. जब सोना पूरी तरह से गल जाता है तो इसे ठंडे पानी से साफ किया जाता है.

2- इसके बाद सोने के इस छोटे से टुकड़े को पीसने वाली मशीन में डालकर इसे पीसकर लंबा कर लिया जाता है. यह प्रक्रिया 10 मिनट की होती है.

3- इसके बाद कारीगर लगभग दो घंटे इस मोटे से पिसे हुए टुकड़े को लेकर उसमें रत्न डालने का अंगूठी का ऊपर वाला हिस्सा जिसे कैप कहते हैं उसे आकार देते हैं. इस प्रक्रिया में सोने को बार-बार घिसा जाता है चारों ओर से उंगली के साइज के अनुसार और उसे नापा जाता है और इस पूरी प्रक्रिया में यह भी देखा जाता है कि सोना अंगूठी से कम ना हो इसीलिए बार-बार ग्राम भी जांचा जाता है.

4- इसके बाद एक छल्ला लिया जाता है सोने का उसे उस कैप से जोड़ा जाता है. यह जोड़ने की प्रक्रिया लगभग 20 मिनट की होती है. जिसमें आग से बार-बार तपा कर एक छोटे तार के जरिए दोनों को आपस में जोड़ दिया जाता है.

5- इसके बाद अंगूठी को एक पूरा आकर मिल जाता है. यहां से अंगूठी को बिना रत्न लगाए उसकी पूरी गंदगी को साफ करने के लिए दूसरे कारीगर के पास भेजा जाता है, जहां पहले अंगूठी को तेजाब में 15 मिनट तक तेज आंच पर रखा जाता है.

6- फिर इसे एक दूसरे केमिकल युक्त पानी में डाला जाता है. फिर गर्म पानी में उबाला जाता है और फिर ठंडे पानी से साफ करके इसे एक बार मशीन के जरिए इस पूरी अंगूठी को चमक दी जाती है.

7- यहां से अंगूठी को रत्न जड़ने के लिए भेज दिया जाता है तीसरे कारीगर के पास, जहां पर अंगूठी को फिर से ठोक और पीट कर सही आकार दिया जाता है. इसे आकार देने के साथ ही इसमें रत्न को पूरी तरह से बैठाया जाता है.

8- फिर इस अंगूठी को सोडा मिले हुए पानी में 15 मिनट तक रखा जाता है, जिसके जरिए इसमें जो रत्न है वह पूरी तरह से साफ हो जाता है.

9- फिर से अंगूठी को उसी कारीगर के पास भेजा जाता है जो इसमें चमक लाने का काम करता है. फिर से अंगूठी को गर्म पानी, ठंडा पानी के साथ ही तेजाब में डालकर इसमें चमक लाई जाती है. यह प्रक्रिया अभी लगभग आधे घंटे की होती है और यह अंतिम प्रक्रिया होती है. इस अंतिम प्रक्रिया के बाद अंगूठी बनकर तैयार हो जाती है.
.Tags: Local18, Lucknow news, UP newsFIRST PUBLISHED : September 29, 2023, 16:30 IST

[ad_2]

Source link