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नोएडा. डीएनडी फ्लाई ओवर (DND Flyover) पर बन रहे एयर पॉल्यूशन कंट्रोल टावर (APCT) का काम पूरा हो चुका है. ट्रायल रन लेकर टावर को परखा भी जा चुका है. नोएडा अथॉरिटी के अफसरों की मानें तो ट्रायल पूरी तरह से कामयाब रहा. अच्छी खबर ये है कि 17 नवंबर से स्मॉग टावर (Smog Tower) पूरी तरह से काम करना शुरू कर देगा. दिल्ली-एनसीआर के व्यस्त डीएनडी फ्लाई ओवर के साथ नोएडा की फिल्म सिटी (Film City) समेत 14 सेक्टर को प्रदूषित हवा से छुटकारा मिल जाएगा. नवंबर से दिसम्बर-जनवरी तक वायु प्रदूषण के चलते नोएडा समेत दिल्ली-एनसीआर (Delhi-NCR) में सांस लेना दूभर हो जाता है. उस समय वायु प्रदूषण चरम पर होता है. हवा में पीएम-2.5 के आंकड़े डराने लगते हैं. लेकिन स्मॉग टावर के शुरू होते ही इस परेशानी से छुटकारा मिल जाएगा. नोएडा अथॉरिटी (Noida Authority) ने भारत हैवी इलेक्ट्रीकल लिमिटेड (BHEL) के साथ मिलकर टावर का निर्माण किया है.
अमेरिका से मंगाए गए हैं 10 हजार फिल्टर और 40 बड़े पंखे
नोएडा में बनने वाले इस स्मॉग टावर के आकार की बात करें तो इसमें हवा छानने वाले 10 हजार फिल्टर लगे होंगे जो हवा छानेंगे और 40 बड़े पंखे लगेंगे जो साफ़ हवा बाहर फेकेंगे जानकारों का कहना है कि इस तरह के स्मॉग टावर से करीब एक किमी दायरे की हवा को ही साफ किया जा सकेगा.
एक रिपोर्ट के अनुसार, यह 20 मीटर यानी करीब 7 फ्लोर के बराबर होगा. इसमे कंक्रीट के टावर की ऊंचाई 20 मीटर होगी, जबकि उसके ऊपर छह मीटर की कैनोपी है. इसके बेस में चारों ओर 10-10 पंखे लगे हैं. प्रत्येक पंखा प्रति सेकेंड 25 घन मीटर फेंक सकता है, अर्थात एक सेकेंड में कुल 1000 घनमीटर हवा बाहर आ सकती है. टावर के भीतर दो लेयर में कुल 5000 फिल्टर लगाये गये हैं. फिल्टर और फैन अमेरिका से मंगाये गये हैं.
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कैनोपी से हवा को फिल्टर करेगा स्मॉग टावर
स्मॉग टावर का ऊपरी हिस्सा बाहर की प्रदूषित हवा को अंदर खींचता है. चारों दिशाओं में बनी 4 केनोपी के सहारे यह प्रदूषित हवा फ़िल्टर तक पंहुचती है. ये फिल्टर इस हवा में से प्रदूषित कणों को बाहर कर देते हैं और फिर छनी हुई हवा बड़े बड़े पंखों से बाहर निकाली जाती है. इस तरह ये टावर बाहर से प्रदूषित हवा को लेकर अंदर फिल्टर से साफ करता है और फिर साफ हवा को बाहर छोड़ देता है.

दो साल मॉनिटरिंग होगी स्मॉग टावर से निकली हवा की
आईआईटी-बम्बई द्वारा कम्प्यूटेशनल फ्लूड डायनामिक्स मॉडलिंग से पता चलता है कि स्मॉग टावर से इसके एक किमी तक की हवा की गुणवत्ता पर असर पड़ सकता है. दो साल के पायलट अध्ययन में आईआईटी-बम्बई और आईआईटी-दिल्ली द्वारा वास्तविक प्रभाव का आकलन किया जाएगा, जिसके तहत यह भी निर्धारित किया जाएगा कि विभिन्न मौसम की भिन्न-भिन्न स्थितियों के तहत टावर कैसे काम करता है, और हवा के प्रवाह के साथ PM 2.5 का स्तर कैसे बदलता है. टावर में मौजूद ऑटोमेटेड सुपरवाइजरी कंट्रोल एंड डेटा एक्वीजिशन प्रणाली वायु की गुणवत्ता को मॉनिटर करेगी. ये मॉनिटर टावर से अलग-अलग दूरी पर स्थापित किये जाएंगे, ताकि इन दूरियों के अनुरूप इसके असर का आकलन किया जा सके.पढ़ें Hindi News ऑनलाइन और देखें Live TV News18 हिंदी की वेबसाइट पर. जानिए देश-विदेश और अपने प्रदेश, बॉलीवुड, खेल जगत, बिज़नेस से जुड़ी News in Hindi. हमें Facebook, Twitter, Instagram और Telegram पर फॉलो करें.Tags: Air pollution, Noida Authority, Smog tower

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