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रिपोर्ट: हरिकांत शर्माआगरा. मर्यादा पुरुषोत्तम श्रीराम किसी जाति, बंधन और धर्म के नहीं बल्कि वे हमारे पूर्वज हैं. मर्यादा पुरुषोत्तम जन-जन के आराध्य हैं. ये अल्फाज आगरा कैंट रेलवे संस्थान में होने वाली रामलीला के राजा जनक, शांतनु मारीछ जैसे तमाम किरदार निभाने वाले निजामुद्दीन के हैं. वह हिंदू-मुस्लिम भाई चारे की मिसाल पेश कर रहे हैं. निजामुद्दीन पिछले 10 सालों से अलग-अलग किरदार निभाते चले आ रहे हैं. सबसे पहले निजामुद्दीन की रेलवे कर्मचारियों द्वारा होने वाली रामलीला में रावण का किरदार निभाने मनोज से मुलाकात हुई थी, जिन्‍हें वह अपना गुरु मानते हैं. उन्होंने निजामुद्दीन को रामलीला में अभिनय करने के लिए प्रेरित किया.
अपने गुरु के कहने पर उन्होंने 2011 में पहली बार रामलीला के मंच पर मारीछ का अभिनय किया. उसके बाद अलग-अलग किरदारों में नजर आते रहे. दरअसल जो किरदार उस दिन मंच पर नहीं होता था उसका ही किरदार निजामुद्दीन को सौंपा दिया जाता था.
निजामुद्दीन रेलवे में ट्रैक मैन के पद पर कार्यरत थे. हाल ही में वह रिटायर हुए हैं. उन्होंने कहा कि जब वे रामलीला में मंचन करते थे तो उनके समाज के लोगों को आपत्ति होती थी. कई बार इसका विरोध भी किया गया, लेकिन वह पीछे नहीं हटे. उन्होंने लोगों की परवाह किए बगैर, रामलीला में लगातार मंचन जारी रखा. उनका कहना है कि मर्यादा पुरुषोत्तम का अर्थ है, पुरुषों में सबसे उत्तम. इसके अलावा हम भारत के रहने वाले हैं. रामलीला में किरदार निभाना मेरे लिए गर्व की बात है.
कोई धर्म बुरा नहीं होता: निजामुद्दीननिजामुद्दीन कहते हैं कि कोई धर्म बुरा नहीं है. बुरा इंसान है, जिसने अपने हिसाब से धर्म का बंटवारा कर लिया. ईश्वर एक है. अगर ईश्वर एक नहीं होता तो वह अपने लोगों के लिए अलग-अलग सूरज अलग-अलग चांद और अलग पानी बनाता. रिटायरमेंट के बाद अब 50 साल पुरानी रामलीला के लिए नई पीढ़ी को निजामुद्दीन तैयार कर रहे हैं और रेलवे कैंट की इस रामलीला को आगे बढ़ा रहे हैं. यही नहीं, वह खुद अपने पोते को रामलीला में लेकर आते हैं और बाल कलाकार के तौर पर रामलीला में शामिल करवाते हैं.ब्रेकिंग न्यूज़ हिंदी में सबसे पहले पढ़ें News18 हिंदी| आज की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट, पढ़ें सबसे विश्वसनीय हिंदी न्यूज़ वेबसाइट News18 हिंदी|Tags: Agra news, Dussehra Festival, Hindu-MuslimFIRST PUBLISHED : October 05, 2022, 14:02 IST

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