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हाइलाइट्सकेंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने मेडिकल स्कूल और हॉस्पिटल की रखी आधारशिला. भविष्य में विभिन्न प्रोजेक्ट्स पर आईआईटी कानपुर और मेडिकल कॉलेज एक साथ काम करेगा.रिपोर्ट :अखंड प्रताप सिंह
कानपुर. तकनीकी और शोध के क्षेत्र में उत्तर प्रदेश के आईआईटी कानपुर का नाम देश में ही नहीं विदेश में भी शुमार है. आईआईटी कानपुर ने कई ऐसे शोध कर तकनीक विकसित की है जो देश ही नहीं विदेशों तक अपनी छाप छोड़ रही हैं. लेकिन अब मेडिकल के क्षेत्र में भी आईआईटी कानपुर अपना लोहा मनवाएगा. जी हां, आईआईटी कानपुर में अब मेडिकल की न सिर्फ पढ़ाई होगी बल्कि एक सुपर स्पेशलिटी अस्पताल का भी निर्माण होगा, जहां पर लोगों का इलाज हो सकेगा. इसके अलावा तकनीकी और मेडिकल के एक्सपर्ट मिलकर काम कर एक्सीलेंस मेडिकल उपकरण भी तैयार करेंगे.
आईआईटी कानपुर में बनेगा गंगवाल मेडिकल कॉलेजआईआईटी कानपुर के चेयर प्रोफेसर आशुतोष शर्मा ने न्यूज 18 लोकल से विशेष बातचीत में बताया कि जहां अभी तक आईआईटी कानपुर का नाम देश के सबसे सर्वश्रेष्ठ तकनीकी कॉलेजों में गिना जाता है, वहीं अब यह मेडिकल क्षेत्र में काम करने वाले सबसे अग्रणी संस्थानों में भी गिना जाएगा क्योंकि यहां पर अब गंगवाल स्कूल ऑफ़ मेडिकल साइंसेज खुलेगा. यहां पर यूजी व पीजी स्तर के कई पाठ्यक्रम शुरू किए जाएंगे, इसके अलावा यहां पर 500 बेड का सुपर स्पेशलिटी अस्पताल भी तैयार होगा, जिसका नाम यदुपति सिंघानिया सुपर स्पेशलिटी अस्पताल होगा.
प्रोफेसर आशुतोष शर्मा ने बताया कि पहले फेज में 1000 करोड़ रुपए का निवेश होगा जिसके क्रम में 300 करोड़ रुपए जुटा भी लिए गए हैं. जिसमें 100 करोड़ रूपये आईआईटी के एलुमनाई राकेश गंगवाल ने दिए हैं. इसके अलावा कई और आईआईटी के पूर्व छात्र भी इसमें सहयोग कर रहे हैं. यह पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप के तहत विकसित किया जाएगा.
कोरोना काल में काम आए थे यहां के उपकरणकोरोना के समय जब पूरे देश भर में मेडिकल उपकरणों की भारी कमी थी, उस वक्त आईआईटी कानपुर के मेडिकल उपकरणों ने देश ही नहीं बल्कि दुनिया में अपना डंका बजाया था. चाहे वेंटिलेटर की बात की जाए या ऑक्सीजन कंसंट्रेटर की आईआईटी कानपुर ने बेहद कम दामों मे वेंटिलेटर और ऑक्सीजन कंसंट्रेटर बनाए जो लोगों की जान बचाने के काफी मददगार साबित हुए थे.
आर्टिफिशियल हार्ट बनाने के क्षेत्र में किया जाएगा कामआईआईटी कानपुर और मेडिकल कॉलेज एक साथ काम करेगा. ऐसे में आईआईटी की तकनीकी और मेडिकल की मदद से कई मेडिकल उपकरण भी तैयार किए जाएंगे. जो ना सिर्फ दाम में बेहद कम होंगे बल्कि उनकी कार्य क्षमता भी अधिक होगी. सबसे पहले आर्टिफिशियल हार्ट बनाने पर काम किया जाएगा. आईआईटी कानपुर पहले से ही इस पर काम कर रहा है लेकिन जब मेडिकल एक्सपर्ट होंगे तो यह काम और तेजी से हो सकेगा.
केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने रखी आधारशिलाआईआईटी कानपुर में सोमवार को केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने गंगवाल स्कूल ऑफ़ मेडिकल साइंसेज और यदुपति सिंघानिया सुपर स्पेशलिटी अस्पताल की आधारशिला रखी. अब इस दिशा में काम शुरू हो जाएगा.

बता दें कि पहले फेज में एक हजार करोड़ रुपए का निवेश आएगा जिसके लिए तीन सौ करोड़ रुपए जुटा लिए गए हैं.ब्रेकिंग न्यूज़ हिंदी में सबसे पहले पढ़ें News18 हिंदी | आज की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट, पढ़ें सबसे विश्वसनीय हिंदी न्यूज़ वेबसाइट News18 हिंदी |Tags: HRD ministry, Iit kanpur, Kanpur news, UP newsFIRST PUBLISHED : July 18, 2022, 20:53 IST

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