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Signs of diabetes: मधुमेह यानी डायबिटीज (Diabetes) देश ही नहीं विश्व में बड़ी समस्या के रूप में उभरी है. इस बीमारी के बारे में जागरूकता के लिए  हर साल 14 नवंबर (14 November) को विश्व डायबिटीज दिवस (World Diabetes Day) मनाया जाता है.  देश के मशहूर आयुर्वेद डॉक्टर अबरार मुल्तानी कहते हैं कि कोरोना महामारी के बाद, डायबिटीज की बीमारी ने बड़ी तेजी से अपने पैर पसारने शुरू कर दिए हैं. 
डायबिटीज के संकेतों को न करें नजरअंदाजडॉक्टर अबरार मुल्तानी ये भी कहते हैं कि यह बेहद जरूरी हो गया है कि लोगों को पहले तो लक्षणों का इंतजार नहीं करना चाहिए, 30 की उम्र पार करने के बाद समय-समय पर डायबिटीज की जांच कराते रहना चाहिए. यदि आपको किसी भी पल खुद में डायबिटीज के लक्षण दिखाई देते हैं, तो बिना देरी आपको डायबिटीज की जांच करा लेनी चाहिए, क्योंकि समय पर डायबिटीज की बीमारी का पता न चलना और संकेत मिलने के बावजूद उन्हें नजरअंदाज करना खतरनाक साबित हो सकता है.
डायबिटीज के सामान्य लक्षण (common symptoms of diabetes)
1. भूख लगना- डायबिटीज के मरीजों को बार-बार भूख लगती है. एक बार भरपेट खाना खाने के कुछ ही देर बाद उन्‍हें फिर से कुछ खाने की इच्‍छा होने लगती है. 
2. प्‍यास नहीं बुझना- यदि आपका गला बार-बार बहुत सूखता है, पानी पीने के बावजूद प्‍यास नहीं बुझती है. ऐसी स्थिति होने पर आपको अपनी शुगर की जांच करा लेनी चाहिए.
3. बार-बार पेशाब आना-  रात में यदि आप चार से पांच बार पेशाब करने के लिए उठ रहे हैं तो आपको अपनी शुगर जरूर चेक करानी चाहिए.
4. वजन कम होना- यदि आपका वजन अचानक तेजी से कम होने लगता है तो ये डायबिटीज का लक्षण हो सकता है.
5. थकान होना- यदि आप बिना किसी थकावट के 10 से 12 घंटे काम कर लेते थे, लेकिन अब 8 घंटे काम करने में ही आपको थकावट होने लगती है तो आपको डायबिटीज की जांच करा लेनी चाहिए.
6. झनझनाहट महसूस होना- अगर आपको हाथ की हथेली और पैर के पंजों में झनझनाहट रहती है. पैर के अंगूठे में सुई सी चुभती प्रतीत होती है तो यह भी डायबिटीज के लक्षण हो सकते हैं.
7- इंफेक्‍शन होना- अगर आपको स्किन इंफेक्‍शन की तरह दूसरे इंफेक्‍शन हो रहे हैं और ये इंफेक्‍शन दवा करने के बाद भी आसानी से नहीं जा रहे हैं तो यह भी डायबिटीज के लक्षण हो सकते हैं.
शुरूआती दौर में नहीं नजर आते लक्षणडॉ. अबरार मुल्तानी कहते हैं कि डायबिटीज एक ऐसी बीमारी है, जिसके लक्षण शुरूआती दौर में नहीं आते हैं. इसके लक्षण तब नजर आते हैं, जब आप बीमारी की चपेट में आ जाते हैं. 30 वर्ष के पार जाते ही, आप निश्चित समयावधि में जांच करवाते रहें. यह बेहद सामान्‍य और मामूली खर्च में होने वाली जांच है, हमें इससे परहेज नहीं करना चाहिए.
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यहां दी गई जानकारी किसी भी चिकित्सीय सलाह का विकल्प नहीं है. यह सिर्फ शिक्षित करने के उद्देश्य से दी जा रही है.​​
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