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Diabetes myths and facts: अब डायब‍िटीज एक आम बीमारी बन गई है और भारत में इससे करोड़ों लोग पीड़ित हैं. यहां हर 11वां इंसान डायबिटीज का मरीज है, इसी वजह से भारत को डायब‍िटीज की राजधानी भी कहा जाता है. डायबिटीज के मरीजों को लोग तरह-तरह के उपाय और नुस्खे बताते हैं. लेकिन हर बात सही नहीं होती है. आइए जानते हैं कि डायब‍िटीज से जुड़े 5 ऐसे बड़े मिथक और फैक्ट.
मिथक: सिर्फ मीठा खाने से होता है डायब‍िटीज.फैक्ट: सिर्फ मीठा खाने से नहीं, बल्कि अनहेल्दी लाइफस्टाइल, स्ट्रेस और मोटापा भी डायबिटीज के खतरे को बढ़ा सकता है. यह एक जेनेटिक बीमारी भी है, जो पूर्वजों से भी मिलती है. बच्चों को भी डायबिटीज होने का खतरा रहता है, जिसे जुवेनाइल डायबिटीज कहते हैं. इन सबके अलावा, प्रेगनेंसी के दौरान हार्मोनल चेंज की वजह से भी डायबिटीज हो सकती है. 
मिथक: इंसुलिन और दवाओं से ठीक हो जाता है डायबिटीज.फैक्ट: डायबिटीज एक लाइलाज बीमारी है, जो कभी पूरी तरह ठीक नहीं हो सकती है. हां, लेकिन इसे कंट्रोल किया जा सकता है. डायबिटीज को कंट्रोल में दवाएं या इंसुलिन मदद करते हैं. इसके साथ ही आपको हेल्दी लाइफस्टाइल और सही डाइट फॉलो करनी होगी. 
मिथक: आर्टिफिशियल स्वीटनर खा सकते हैं.फैक्ट: आर्टिफिशियल स्वीटनर में कार्ब्स नहीं होते लेकिन ये आपके शरीर के लिए अच्छा नहीं होता. इसके ज्यादा इस्तेमाल से आपके शरीर पर बुरा असर पड़ सकता है. आर्टिफिशियल स्वीटनर की जगह आप गुड़, पाल्म शुगर या शहद चुन सकते हैं.
मिथक: अधिक फल खा सकते हैं.फैक्ट: डायबिटीज के मरीजों को फलों का सेवन सीमित मात्रा में करना चाहिए. फलों में नेचुरल शुगर होता है, जो शुगर लेवल को बढ़ा सकते हैं.
मिथक: डायबिटीज के मरीज एक खास डाइट फॉलो करते हैं.फैक्ट: आपका डेली डाइट जितनी सही होगी, उतना ही ब्लड शुगर लेवल कंट्रोल में रहेगा. एक्सपर्ट के अनुसार, दिन में बड़े मील की जगह 5-6 छोटे मील लें. वहीं, कोई डाइट फॉलो करने से पहले डॉक्टर की सलाह जरूर लें.
Disclaimer: इस जानकारी की सटीकता, समयबद्धता और वास्तविकता सुनिश्चित करने का हर सम्भव प्रयास किया गया है. हालांकि इसकी नैतिक जिम्मेदारी ज़ी न्यूज़ हिन्दी की नहीं है. हमारा आपसे विनम्र निवेदन है कि किसी भी उपाय को आजमाने से पहले अपने चिकित्सक से अवश्य संपर्क करें. हमारा उद्देश्य आपको जानकारी मुहैया कराना मात्र है.

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