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अभिषेक जायसवाल/ वाराणसी. बाबा विश्वनाथ का शहर बनारस (Banaras) दुनिया के प्राचीनतम शहरों में से एक है. 5 हजार साल पुराने इस पवित्र शहर को मांस और मदिरा मुक्त क्षेत्र घोषित करने की आवाज उठने लगी है. काशी (Kashi) के पांच कोस के पवित्र क्षेत्र में मांस और मदिरा की बिक्री पर प्रतिबंध लगे इसको लेकर बीते शनिवार को अनूठा आयोजन हुआ. वेद पाठी बटुकों ने राम दरबार में विधिवत पूजन अर्चन के बाद 1008 बार सामूहिक हनुमान चालीसा (Hanuman Chalisa) का पाठ किया. इस सामूहिक हनुमान चालीसा का पाठ के बाद बटुकों ने जनजागरण यात्रा भी निकाली.
वाराणसी (Varanasi) के गुरुधाम स्थित राम मंदिर से इस जनजागरण यात्रा की शुरुआत हुई. खास बात ये भी रही कि काशी के प्रकांड विद्वानों ने नारियल तोड़कर इस यात्रा का शुभारंभ किया. फिर बटुकों ने हर-हर महादेव के जयघोष के बीच यात्रा की शुरुआत की. इस दौरान काशी वासी करें पुकार,मांस मदिरा मुक्त हो काशी दरबार के नारे भी गूंजते रहे. 11 किलोमीटर की इस यात्रा के दौरान बटुकों ने सरकार से काशी को मांस मदिरा मुक्त क्षेत्र घोषित करने की मांग रखी.बताते चलें कि आगमन सामाजिक संस्था और ब्रह्म सेना के आह्वान पर इस कार्यक्रम का आयोजन हुआ.
काशी सप्तपुरियों में है सबसेश्रेष्ठकार्यक्रम के संयोजक संतोष ओझा ने बताया कि आध्यात्मिक नगरी काशी सप्तपुरियों में सबसे श्रेष्ठ है.लिहाजा यूपी की योगी सरकार से हमारी मांग है कि इस पवित्र शहर में मांस और मदिरा की बिक्री पर पूरी तरह प्रतिबंध लगाया जाए.बताते चलें कि इस अभियान में काशी विद्वत परिषद के अलावा काशी के प्रकांड विद्वान और विभिन्न सामाजिक संगठनों के लोग समर्थन में आगे आ रहे हैं.
अयोध्या, मथुरा की तर्ज पर मांस मदिरा मुक्त क्षेत्र हो काशीकाशी विद्वत परिषद के महामंत्री राम नारायण द्विवेदी ने बताया कि योगी सरकार ने जिस तरह अयोध्या और मथुरा जैसे धार्मिक शहरों को मांस मदिरा से मुक्त क्षेत्र घोषित किया है उसी तर्ज पर ही सरकार सबसे प्राचीन धर्म नगरी काशी को भी इनसे मुक्त करे.ब्रेकिंग न्यूज़ हिंदी में सबसे पहले पढ़ें News18 हिंदी | आज की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट, पढ़ें सबसे विश्वसनीय हिंदी न्यूज़ वेबसाइट News18 हिंदी |Tags: Uttar pradesh news, Varanasi newsFIRST PUBLISHED : September 26, 2022, 15:38 IST

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