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अंजलि सिंह राजपूत/लखनऊ. 10 साल की उम्र में जहां बच्चे ठीक से किताब पढ़ना सीख पाते हैं, वहीं लखनऊ के रहने वाले आयुष्मान प्रसाद ने इस उम्र में एक पूरी किताब लिख दी है. इस किताब का नाम ‘दा एज्यूर वैली’ (The Azure Valley) है. यह किताब कोई मामूली पुस्तक नहीं, बल्कि इसमें अधर्म पर धर्म की जीत की शिक्षा दी गई है. खास बात यह है कि आयुष्मान प्रसाद बताते हैं कि उनको किताब लिखने की प्रेरणा उनके नाना बृजलाल से मिली है, जो उत्तर प्रदेश के डीजीपी रह चुके हैं और वर्तमान में मेंबर ऑफ राज्यसभा हैं.

आयुष्मान ने बताया कि उन्होंने लगभग 25 दिन के अंदर इस किताब को लिख डाला. इस किताब को लिखने की शुरुआत ऐसे हुई कि उनके स्कूल में सभी बच्चों को एक कहानी लिखने का प्रोजेक्ट दिया गया था, जब उन्होंने कहानी लिखनी शुरू की तो सबसे पहले उसका विषय लिया अधर्म पर धर्म की जीत. यहीं से वह कहानी लिखते गए और कहते हैं कि कहानी लिखते वक्त वह किताबों की दुनिया में खो गए. उन्हें पता ही नहीं चला कि उनकी एक छोटी सी कहानी कब 10 चैप्टर में तब्दील हो गई.

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कुछ ऐसी है किताब की कहानीआयुष्मान प्रसाद लखनऊ के ही एक निजी स्कूल में कक्षा 6 के छात्र हैं. कहा कि इस किताब में जादुई फूल हैं, जो धर्म की रक्षा करते हैं. यह सभी फूल एक साम्राज्य के अंदर होते हैं, जहां पर धर्म का पालन किया जाता है, लेकिन तभी वहां पर कुछ बुरे लोग आ जाते हैं, जो इन जादुई फूलों को बर्बाद करने की कोशिश करते हैं. यहीं से शुरू होती है धर्म को बचाने की लड़ाई. वह कहते हैं कि आगे की कहानी के लिए लोगों को किताब पढ़नी होगी. यह किताब Bribooks वेबसाइट से खरीदी जा सकती है. इसकी कीमत 350 रुपये है.

नाना से मिली है प्रेरणाआयुष्मान प्रसाद के नाना देश की जानी-मानी हस्ती बृजलाल हैं, जो उत्तर प्रदेश के पूर्व डीजीपी भी रह चुके हैं. आईपीएस अधिकारी के तौर पर उन्होंने कई बड़े एनकाउंटर भी किए हैं. साथ में ही वर्तमान में राज्यसभा के सदस्य हैं. इस पर बृजलाल कहते हैं कि उन्हें गर्व है कि उनकी आने वाली पीढ़ी मोबाइल में वक्त बर्बाद न करके पढ़ने-लिखने के साथ ही समाज को कोई संदेश देने तक काम कर रही है.
.Tags: Ajab Gajab news, Local18, Lucknow newsFIRST PUBLISHED : August 22, 2023, 15:07 IST

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