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हाइलाइट्सगंभीर बीमारी से ग्रसित मासूम सारा फातमा ने लगाई मदद की गुहारकेंद्र और राज्य सरकार से इलाज के लिए मांगी मददइलाज में 10 करोड़ रुपए का आएगा खर्चदेवरियार. उत्तर प्रदेश के देवरिया जिले की एक मासूम छात्रा ने केंद्र सरकार, राज्य सरकार और देवरिया जिला प्रशासन से अपनी जान की गुहार लगाई है. उसने अपनी जान को बचाने के लिए कई लोगों से विनती की, लेकिन अभी तक सभी ने सिर्फ आश्वासन ही दिया. अभी तक किसी ने उसके इलाज की कोई व्यवस्था नहीं की. जिला मुख्यालय के अबूकनगर की रहने वाली 13 वर्षीय “शारा फातमा लारी”  स्पाइनल मस्कुलर एट्रॉफी, नामक गंभीर बीमारी से ग्रसित है. वह जिला मुख्यालय के एक नामी-गिरामी स्कूल में कक्षा पांच की छात्रा है.
गंभीर बीमारी से पीड़ित शारा फातमा के पिता अबूज लारी कहते हैं कि जब वह पैदा हुई तो कुछ महीनों के बाद भी इसके शरीर में कोई मूवमेंट नहीं हुई. जिसके बाद वह दिल्ली के गंगाराम हॉस्पिटल में इलाज के लिए गए तो वहां के डॉक्टरों ने इसे “स्पाइनल मस्कुलर एट्रॉफी” नामक बीमारी से ग्रसित बताया. एम्स में भी डॉक्टरों ने यही बीमारी बताया.
10 करोड़ है इलाज का खर्चआपको बता दें कि 12 साल पहले इस बीमारी पर वैज्ञानिक रिसर्च कर रहे थे. उस समय तक इसकी कोई दवा नहीं बनी थी. लेकिन अब इसकी दवा केवल विश्व के 2 देश- अमेरिका और स्विट्जरलैंड बनाते हैं. इस दवा को लाने का खर्च तकरीबन 10 करोड़ है, लेकिन पीड़ित परिवार के पास इतने पैसे नहीं हैं कि वह अपने बच्ची की जान को बचाने के लिए इतनी रकम का इंतजाम कर सकें. परिजनों ने बताया कि पहले रीढ़ की हड्डी पर ऑपरेशन होगा, उसके बाद “स्प्रीनरजा न्यूसीरनसीन” और “रीजट्रीप्लांम” दो ऐसी दवाएं हैं, जो इसकी रीढ़ की हड्डी में इंजेक्ट की गई जाएगी. तभी यह बच्ची अपने पैरों पर खड़ा होगी. इसके इलाज का पूरा खर्च तकरीबन 10 करोड रुपए आएगा.
वैज्ञानिक बनना चाहती है बच्चीबेटी को बचाने के लिए पीड़ित परिवार ने केंद्र और राज्य सरकार से गुहार लगाई है. इसके लिए बकायदा उन्होंने एक अकाउंट भी खोला है. लोगों से इस अकाउंट में पैसे जमा करने की अपील की है, ताकि उनकी बच्ची की जान बचाई जा सके. वह सही सलामत अपने पैरों पर खड़ी हो सके. मासूम सी दिखने वाली पीड़ित छात्रा ” शारा फातमा लारी”  ने बताया कि वह बड़ी होकर वैज्ञानिक बनना चाहती है. जिस बीमारी से वो ग्रसित है उस बीमारी पर रिसर्च करना चाहती है, ताकि उसके जैसा कोई पीड़ित न हो. परिजनों का कहना है कि पूरे भारत देश में लगभग 400 बच्चे इस बीमारी से ग्रसित हैं. लेकिन इसकी दवा भारत में अभी नहीं बनी है. यह केवल अमेरिका और स्विट्जरलैंड ने ही बनाया है. अगर राज्य और केंद्र सरकार मदद करें तो उनकी लड़की अपने पैरों पर खड़ा हो सकती है.ब्रेकिंग न्यूज़ हिंदी में सबसे पहले पढ़ें News18 हिंदी | आज की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट, पढ़ें सबसे विश्वसनीय हिंदी न्यूज़ वेबसाइट News18 हिंदी |Tags: Chief Minister Yogi Adityanath, Deoria news, Uttarpradesh newsFIRST PUBLISHED : September 26, 2022, 13:32 IST

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