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पीयूष शर्मा / मुरादाबाद. यूरोपियन देशों की सहायता से शहर में फीकल स्लज को प्राकृतिक रूप से ट्रीटमेंट करने की तकनीकी वाला देश में पहला प्लांट लगाया जाएगा. रिसर्च के लिए पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर मुरादाबाद का चयन किया गया है. इसमें अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी एएमयू की अहम भूमिका रहेगी. प्रतिदिन 5000 लीटर क्षमता वाले इस प्लांट के निर्माण के लिए भूमि नगर निगम उपलब्ध कराएगा.

इटली के साइंटिस्ट और एएमयू के प्रोफेसर ने लिया जायजा

प्लांट की खासियत यह होगी कि इसमें ऊर्जा की भी कोई खपत नहीं रहेगी. स्लज ट्रीटमेंट करने पर कोई बाधा भी नहीं आएगी. जैविक खाद का भी उत्पादन होगा. जो बाद में नगर निगम की आय का स्रोत बनेगा. पायलट प्रोजेक्ट के तहत लगाए जाने वाले इस प्लांट पर करीब 80 लाख रुपए की लागत आएगी. इटली के साइंटिस्ट रिकार्डो और एएमयू के प्रोफेसर नदीम खलील मुरादाबाद पहुंच कर जायजा लेने के बाद इस प्रोजेक्ट को लगाने के लिए हरी झंडी भी दे चुके हैं. नगर निगम ने भी इसके लिए मोहल्ला ढाका स्थित 2500 वर्ग मीटर भूमि भी चिन्हित कर ली है. नगर निगम प्रशासन चिन्हित भूमि पर चारदीवारी आदि बनाकर जब इसकी सूचना भेजेगा, तो उसके बाद यूरोपियन संघ की रिसर्च टीम में शामिल लोग यहां पहुंच प्लांट स्थापित करने का काम शुरू कर देंगे.

उर्जा की कोई आवश्यकता नहीं होगी

नगर निगम के पर्यावरण अभियंता राजीव कुमार राठी ने बताया कि यह पहला ऐसा प्लांट होगा जिसमें किसी तरह के उर्जा की कोई आवश्यकता नहीं होगी. जगह भी चिन्हित कर ली गई है. अभी तक शहर में 32,000 लीटर प्रतिदिन क्षमता का एकमात्र विकल्प ट्रीटमेंट प्लांट लगा है. जो शहर की आबादी को देखते हुए अपर्याप्त है.
.Tags: Latest hindi news, Moradabad News, Technology, UP newsFIRST PUBLISHED : June 01, 2023, 17:22 IST

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