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Newborn Care Week: जब शिशु पैदा होता है, तो दादी-नानी में उसकी मालिश करने की होड़-सी लगी होती है. ये मालिश सिर्फ दादी-नानी का प्यार ही नहीं देती, बल्कि बच्चे की मजबूत सेहत का भरोसा भी देती है. नवजात शिशु की मालिश करने से उसके विकास और मजबूती को मदद मिलती है. लेकिन क्या आप जानते हैं कि शिशु की मालिश कब और कितनी बार करनी चाहिए? अगर नहीं, तो इसके बारे में यहां जानकारी दी जा रही है.
नवजात शिशु की मालिश कब शुरू करनी चाहिए?नवजात शिशु का शरीर बेहद नाजुक होता है, इसलिए आपको उसकी सेहत के लिए काफी सावधान रहने की जरूरत है. इंटरनेशनल एसोसिएशन ऑफ इंफेंट मसाज (IAIM) के मुताबिक, जन्म के कुछ हफ्तों बाद शिशु की मालिश शुरू की जा सकती है. हालांकि, माता-पिता का शारीरिक संपर्क जन्म के बाद जितना जल्दी हो सके, शुरू कर देना चाहिए. माता-पिता शिशु को सीने पर लेटाकर स्किन टू स्किन टच (मतलब कि आपके और शिशु के बीच त्वचा का संपर्क होना चाहिए) दें. इस दौरान आप धीरे-धीरे शिशु की कमर व पैर पर बिल्कुल हल्का हाथ फेरें. इसके बाद हाथों की तरफ जाएं.
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बच्चे की मसाज कितनी बार करनी चाहिए?अगर आपके मन में यह सवाल आ रहा है कि बच्चे की मसाज कितनी बार करनी चाहिए, तो IAIM कहता है कि यह पूरी तरह आप और आपके शिशु पर निर्भर करता है. कुछ फैमिली शिशु को हर दिन मसाज देती हैं और कुछ फैमिली में हफ्ते में तीन दिन मसाज दी जाती है. वहीं, कुछ शिशु सुबह नहाने के बाद हाथ-पैर पर मसाज लेना पसंद करते हैं, तो कुछ रात को सोने से पहले मसाज ले सकते हैं. ध्यान रखें कि शिशु खुद मसाज के लिए अपना मूड बताता है.
मसाज के लिए बच्चा कैसे बताता है मूड?IAIM कहता है कि मसाज करते हुए बच्चे के मूड का ध्यान जरूर रखें. बच्चे की मसाज करने के लिए शांत और आरामदायक जगह चुनें. वहीं, अगर आपका बच्चा मसाज की शुरुआत में शांत रहता है और आपकी तरफ देखता रहता है या फिर अपना शरीर रिलैक्स रखता है, तो इसका मतलब है कि बच्चे को मसाज पसंद आ रही है. वहीं, अगर मसाज के दौरान बच्चा आप से दूर जाने की कोशिश करता है या फिर अपने हाथ-पैर को टाइट कर लेता है, तो उसके साथ जबरदस्ती ना करें.
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बच्चे की मसाज के लिए बेस्ट तेलआजकल मार्केट में बेबी ऑयल आ गए हैं, जिनसे बच्चे की मसाज की जा सकती है. हालांकि, IAIM कहता है कि शिशु की मसाज करने के लिए वेजिटेबल ऑयल का इस्तेमाल करना चाहिए. जिसमें बहुत कम गंध या महक हो. क्योंकि, बच्चे की सूंघने की शक्ति काफी तेज होती है, जिससे सुगंधित तेल इस्तेमाल करने से उसे परेशानी हो सकती है. आप सरसों का तेल, नारियल तेल, बादाम तेल आदि का इस्तेमाल कर सकते हैं. हालांकि, इसके लिए अपने डॉक्टर से जरूर सलाह लें.
यहां दी गई जानकारी किसी भी चिकित्सीय सलाह का विकल्प नहीं है. यह सिर्फ शिक्षित करने के उद्देश्य से दी जा रही है.

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