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जंग-ए-आजादी के लिए शाहजहांपुर की भी अहम भूमिका रही है. शाहजहांपुर में जन्मे शहीद पंडित राम प्रसाद बिस्मिल, ठाकुर रोशन सिंह और अशफाक उल्ला खान ने देश की आजादी के लिए हंसते-हंसते प्राण न्योछावर कर दिए. तीनों क्रांतिकारियों ने काकोरी रेल एक्शन को अंजाम दिया था. जिसके बाद तीनों को 19 दिसम्बर 1927 को अलग-अलग जेल में फांसी की सजा दी गई.

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