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IND vs WI 2nd Test Match: भारत के स्टार बल्लेबाज विराट कोहली ने टेस्ट क्रिकेट में अपना 29वां शतक लगाने के बाद कहा कि जब वह विपरीत परिस्थितियों का सामना करते हैं तो खुद को उत्साहित महसूस करते हैं. उन्होंने कहा कि वेस्टइंडीज के खिलाफ दूसरे टेस्ट क्रिकेट मैच में यह सैकड़ा जमा कर वह संतुष्ट हैं. दिन का खेल खत्म होने के बाद विराट कोहली ने अपने शतक और पारी को लेकर मीडिया से बात की. इस दौरान वह एक सवाल से नाखुश दिखे.
इस सवाल पर तिलमिला उठे विराट!विदेशी धरती पर दिसंबर 2018 के बाद शतक लगाने के सवाल पर विराट ने बड़ा बयान दिया. उन्होंने इस सवाल पर अपने मन की भड़ास निकाली. विराट कोहली ने कहा, ‘ईमानदारी से कहूं ये चीजें बाहर चलती रहती हैं. मैंने घर के बाद टेस्ट में 15 शतक ठोके हैं. यह खराब रिकॉर्ड नहीं है.’ उन्होंने आगे कहा, ‘मुझे जितने शतक घर पर मिले हैं, उससे कहीं ज्यादा घर से बाहर मिले. मेरे पास कुछ 50 से अधिक स्कोर हैं, लेकिन अगर मैं पचास रन बना लेता हूं तो ऐसा लगता है जैसे मैं शतक बनाने से चूक गया और अगर मैं 120 रन बना लेता हूं तो यह ऐसा है जैसे कि मैं दोहरा शतक बनाने से चूक गया.’
सर डॉन ब्रैडमैन के रिकॉर्ड की बराबरी
34 साल के कोहली ने शुक्रवार को 121 रन की पारी खेलकर सर डॉन ब्रैडमैन के 29 टेस्ट शतकों के रिकॉर्ड की बराबरी की जिससे भारत ने अपनी पहली पारी में 438 रन बनाए. यह पिछले पांच सालों में विदेशों में उनका पहला शतक है. कोहली ने दूसरे दिन का खेल समाप्त होने के बाद कहा, ‘मैंने वास्तव में इस पारी का पूरा आनंद लिया. मैं अच्छी लय में था और मैं इसे बनाए रखना चाहता था. मैंने जब क्रीज पर कदम रखा तो वह चुनौतीपूर्ण समय था. ऐसे मौकों पर जबकि मुझे चुनौतियों का सामना करना होता है तो मैं उत्साहित महसूस करता हूं.’
उन्होंने आगे कहा, ‘मुझे बस इस पर ध्यान केंद्रित करना है कि मुझे टीम के लिए क्या करना है. मैं टीम की जीत में अपना योगदान देने का प्रयास करता हूं. जब टीम को मेरी जरूरत होती है तब यह आंकड़े और उपलब्धियां बहुत मायने रखते हैं.’
अपनी फिटनेस पर कही ये बात
दुनिया के सबसे फिट क्रिकेटरों में से एक कोहली ने अपनी फिटनेस के बारे में कहा, ‘मैं अपना पूरा ध्यान रखता हूं. अभ्यास, नींद, आराम और अपने आहार का पूरा ध्यान देता हूं. एक रन को दो रन में बदलना मेरे लिए आसान काम है. इससे मुझे दबाव मुक्त रहने में मदद मिलती है. अच्छी फिटनेस से मुझे सभी प्रारूपों में खेलने में मदद मिलती है.’
 

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