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प्रयागराज. शहर में दारागंज स्थित पौराणिक वेणी माधव मंदिर के गर्भगृह परिक्रमा मार्ग में निर्मित ब्रह्मलीन महंत ओंकार गिरि की समाधि हटाने की मांग को लेकर अब याचिका दायर की गई है. इस याचिका पर सुनवाई 11 अगस्त को होगी. यह सिविल वाद मोरी दारागंज निवासी रामचंद्र शर्मा ने अतिरिक्त सिविल जज कनिष्ठ श्रेणी पंचम इलाहाबाद की अदालत में दायर किया है.इसमें दिवंगत महंत ओंकार गिरी की पुत्री विभा त्रिपाठी सर्वकारा महंत वेणी माधव मंदिर एवं विराजमान वेणी माधव बजरिए सचिव महानिर्वाणी अखाड़ा दारागंज को पक्षकार बनाया गया है. वादी शर्मा का कहना है कि वेणी माधव मंदिर एक पौराणिक मंदिर है. जिसमें देश विदेश के तीर्थयात्रियों, श्रद्धालुओं की आस्था जुड़ी हुई है. इसका पुनर्निर्माण दो सौ साल पहले भूस्वामी माता कार्तिक पांडेय ने कराया था. मंदिर के सामने धर्मशाला व शिव मंदिर भी बनवाया था और मंदिर निर्वाणी अखाड़ा को देखरेख पूजापाठ के लिए सौंप दिया गया था.श्रीराम त्रिपाठी को अखाड़े ने मंदिर में पुजारी रखा था. उनकी मृत्यु के बाद उनके पुत्र ओंकार नाथ त्रिपाठी मंदिर की देखरेख पूजापाठ करने लगे और वे महानिर्वाणी अखाड़े के शिष्य बन गए. मनमुटाव होने पर ओंकार नाथ त्रिपाठी ने वेणी माधव मंदिर सेवा समिति ट्रस्ट गठित कर लिया. इसके साथ ही उन्होंने अपना नाम ओंकार गिरि रख स्वयं को महंत घोषित करा लिया. जिनका निधन कोरोना काल में 5 मई 2020 को हुआ. उनकी पुत्री विभा त्रिपाठी ने अखाड़ा परिषद अध्यक्ष स्व नरेंद्र गिरि व जूना अखाड़ा के हरि गिरि के सहयोग से पिता को जल समाधि न देकर 7 मई को ओंकार गिरि को परिक्रमा मार्ग के किनारे भू समाधि दे दी.इस पूरे मामले को लेकर विरोध भी किया गया. हालांकि कोरोना काल होने के चलते पुलिस प्रशासन ने विरोध प्रदर्शन की अनुमति नहीं दी. इसके बाद इलाहाबाद हाईकोर्ट में जनहित याचिका भी दायर की गई है लेकिन उस पर अभी तक सुनवाई नहीं हो सकी है. शर्मा का कहना है कि परिक्रमा मार्ग में भू समाधि आस्था से खिलवाड़ है. वादी सहित लाखों श्रद्धालुओं को ठेस पहुंची है. समाधि को हटाने की प्रार्थना की गई है.ब्रेकिंग न्यूज़ हिंदी में सबसे पहले पढ़ें News18 हिंदी | आज की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट, पढ़ें सबसे विश्वसनीय हिंदी न्यूज़ वेबसाइट News18 हिंदी |FIRST PUBLISHED : June 03, 2022, 22:51 IST

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