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रजनीश यादव/प्रयागराज: भारत को मंदिरों का देश कहा जाता है. यहां हर शहर हर गली में आपको मंदिर देखने को मिल जाएंगे. हमारे देश में मंदिरों का इतिहास काफी पुराना है. कई मंदिर तो ऐसे हैं, जो हजारों हजार साल पुराने हैं. हिंदू धर्म के मंदिर निर्माण की तीन शैलियां  विकसित है. जिसमें नागर शैली उत्तर भारत में प्रचलित है, द्रविड़ शैली दक्षिण भारत में प्रचलित है जबकि इन दोनों के मिश्रित स्वरूप को वेसर शैली कहते हैं जो मध्य भारत में प्रचलित है. अगर इसी में उत्तर भारत में कोई द्रविड़ शैली में निर्मित मंदिर हो तो वह अपने आप में खास ही होगा.

प्रयागराज के त्रिवेणी संगम पर द्रविड़ शैली पर आधारित 133 फीट ऊंची एक हिंदू मंदिर है जो भगवान शिव को समर्पित है.यही वह मंदिर है जो उत्तर भारत में द्रविड़ शैली में निर्मित सबसे ऊंची मंदिर है. द्रविड़ शैली में मंडपम का अर्थ होता है प्रवेश द्वार. इस मंदिर में 51 शक्ति पीठ शंकराचार्य और भगवान विष्णु रूप में बालाजी के दर्शन हो जाते हैं. यह मंदिर 16 खंभों के सहारे चार तल का बना है. इस मंदिर में भगवान शिव के शिवलिंगों के साथ शेषनाग की छोटी-छोटी मूर्तियां भी हैं जहां शिवरात्रि में दर्शन करने के लिए और जल चढ़ाने के लिए भक्तों का जन सैलाब उमड जाता है.

क्या है विशेषता

दक्षिण भारत के द्रविड़ शैली में निर्मित होने के कारण ही या मंदिर चर्चा में रहता है. इसकी सबसे बड़ी विशेषता यह है कि मंदिर को बनाने में छोटी-छोटी बारीक डिजाइनों का प्रयोग किया गया है. वर्गाकार  क्षेत्रफल में बने इस मंदिर में चारों तल पर एक-एक भगवान विराजमान है. इस मंदिर के तीसरे चौथे तल से संगम का अद्भुत नजारा देखने को मिलता है. जिससे सुबह शाम इस मंदिर पर दर्शन करने के साथ-साथ संगम का अद्भुत में भी लोग देखने आते हैं.

मंदिर बना आकर्षण का केंद्र

गंगा जमुना के संगम पर स्थित होने की वजह से यह मंदिर काफी लोकप्रिय हो गया क्योंकि यहां प्रत्येक वर्ष लाखों लोग संगम पर स्नान करने आते हैं और संगम किनारे से 133 फीट ऊंची इस मंदिर की भव्यता को देखकर आश्चर्यचकित हो जाते हैं. इस मंदिर में प्रवेश के लिए एक मुख्य द्वार है.यह मंदिर सुबह में 7:00 बजे खुलता है और दोपहर 11:00 तक खुला रहता है इसके बाद शाम को 4:00 बजे से खुलकर 8:00 बजे तक मंदिर खुला रहता है. अगर आप मंदिर में प्रवेश करना चाहते हैं और उसकी भव्यता को करीब से देखना चाहते हैं तो आप इसी समय की बीच में ही आए.
.Tags: Hindi news, Local18, Religion 18, UP newsFIRST PUBLISHED : November 13, 2023, 16:31 IST

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