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रिपोर्ट- राजीव प्रताप सिंह

मऊ. घोसी विधानसभा उपचुनाव में सपा ने भारी मतों से जीत दर्ज कर BJP को एक बड़ा झटका दे दिया है. सपा उम्मीदवार सुधाकर सिंह ने BJP के दारा सिंह चौहान को 42 हजार 763 मतों से पराजित कर न सिर्फ BJP को चारों खाने चित कर दिए हैं बल्कि 2024 के लोकसभा चुनाव से पहले इंडिया गठबंधन ने घोसी में एनडीए को हराकर अपने गठबंधन की ताकत का भी नजारा दिखा दिया है.

ऐसे में सवाल ये उठता है कि आखिर घोसी में BJP से इतनी बड़ी चूक कैसे हो गई ? योगी-मोदी सरकार की तमाम उपलब्धियों और सुभासपा, निषाद व अपना दल जैसे सहयोगी दलों की मजबूत पकड़ के दावों के बीच बीजेपी सपा से कैसे हार गई ? आखिर घोसी में बीजेपी की इस करारी शिकस्त के वे कौन-कौन से कारण रहे ? ऐसे में अब BJP की हार से जुड़े इन तमाम सवालों के जवाब की बात करें तो घोसी की जनता, सामाजिक कार्यकर्ता, पत्रकार और नेताओं की मानें तो इसके एक नही बल्कि कई कारण रहे, जिनमें से सबसे बड़ा कारण एक ओर जहां बीजेपी प्रत्याशी दारा सिंह चौहान के प्रति नाराजगी और सुभासपा अध्यक्ष ओमप्रकाश राजभर के बड़बोलेपन को बताया जा रहा है.

सपा मुखिया अखिलेश यादव और सपा नेता शिवपाल यादव द्वारा तन, मन, धन से किये गए बेहतर चुनाव प्रबंधन को बताया जा रहा है. दरअसल, यह पहला मौका नही था जब दारा सिंह चौहान सपा छोड़ भाजपा में शामिल हुए हैं. दारा सिंह चौहान इससे पहले भी पद और सत्ता की चाहत में कांग्रेस, सपा और बसपा का दामन छोड़ भाजपा में शामिल हुए और 4 वर्ष योगी सरकार में वन मंत्री रहने के बाद सत्ता जाने की आशंका में  2022 के विधानसभा चुनाव से पहले ही भाजपा छोड़ सपा में शामिल हो गए थे. दारा सिंह चौहान 2022 में घोसी से सपा विधायक तो बन गए लेकिन सपा के सत्ता में न आ पाने के चलते दारा एक बार फिर सपा छोड़ भाजपा में शामिल हो गए.

इसके बाद BJP ने दारा सिंह को सपा विधायक के पद से इस्तीफा दिलवाकर घोसी सीट खाली करा दी गई और फिर बीजेपी ने अपने सिम्बंल पर दारा सिंह चौहान को घोसी विधानसभा उपचुनाव में उतार दिया. इससे भड़की घोसी की जनता ने “योगी-मोदी से बैर नही, अब दलबदलुओं की खैर नहीं” के नारे के साथ दारा सिंह को भारी मतों से हराकर और सपा के सुधाकर सिंह जैसे जमीनी नेता को जीतकर दलबदलू नेताओ को एक बड़ा संदेश दे दिया है.

जानकारों के मुताबिक घोसी विधानसभा उपचुनाव में हार का एक कारण सुभासपा अध्यक्ष ओम प्रकाश राजभर का बड़बोलापन भी था. क्योंकि इस दौरान ओपी राजभर ने ‘ये लड़ाई दारा सिंह चौहान और सुधाकर के बीच नही ओपी राजभर और अखिलेश के बीच है.’  ‘अहीरों को 12 बजे के बाद बुद्धि आती है.’, ‘अखिलेश को हराकर सैफई भेज देंगे.’ जैसे तमाम विवादित बयान देकर न सिर्फ यादवों को लामबंद होने में अहम भूमिका बनाई, बल्कि सवर्णों पर भी निशाना साध घोसी विधानसभा चुनाव में यादवों के साथ क्षत्रिय और भूमिहारों को भी लामबंद होने पर मजबूर कर दिया. इतना ही नहीं इस दौरान बीजेपी के हार के कई अन्य अहम कारण भी रहे है जिनमें से कुछ अहम कारण ये भी है.
.Tags: By election, Mau news, UP news, UP politicsFIRST PUBLISHED : September 08, 2023, 18:55 IST

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