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अभिषेक जायसवाल/वाराणसी: पवित्र कार्तिक माह के शुक्ल पक्ष की एकदशी तिथि को श्री हरि विष्णु शयन मुद्रा से जगते हैं. इस दिन ही तुलसी विवाह होता है. इसे देवउठनी एकादशी भी कहते हैं. इस बार यह पर्व 23 नवंबर यानि आज मनाया जा रहा है. धार्मिक मान्यताओं के अनुसार जो भी श्रद्धालु इस दिन माता तुलसी और शालिग्राम का विवाह करते हैं और व्रत रखते हैं. उनके घर में सुख शांति समृद्धि का हमेशा वास होता है.

इससे इतर इस खास दिन पर शास्त्रों में कई चीजों की मनाही भी है. आइए जानते हैं काशी के ज्योतिषाचार्य पंडित संजय उपाध्याय से देव उठनी एकादशी और तुलसी विवाह के दिन क्या-क्या करने से लोगों को बचना चाहिए.

तुलसी विवाह का दिन एक पवित्र दिन होता है. इस दिन किसी भी तरह का तामसी भोजन नहीं करना चाहिए. इससे मनुष्य पाप का भागी बनता है.

इसके अलावा इस दिन एकदाशी तिथि भी होती है, लिहाजा इस दिन चावल का सेवन भी नहीं करना चाहिए. शास्त्रों में इसे वर्जित बताया गया है.

इस दिन अपनो से बड़ो का आशीर्वाद जरूर लेना चाहिए. इसके अलावा घर में किसी तरह का कलेश लड़ाई-झगड़ा भी नहीं करना चाहिए. इससे माता लक्ष्मी रूष्ट हो जाती है.

तुलसी विवाह के दिन मदिरा (शराब) का सेवन भी नहीं करना चाहिए. इसका बुरा प्रभाव पड़ता है.

सनातन धर्म में इस दिन को बेहद पवित्र माना जाता है. ऐसे में इस दिन झूठ बोलने से बचना चाहिए. इसके अलावा किसी को चोट और नुकसान भी नहीं पहुंचना चाहिए.

(नोट: यह खबर धार्मिक मान्यताओं और ज्योतिषशास्त्र पर आधारित है.News 18 इसके सत्यता की पुष्टि नहीं करता हैं.)
.Tags: Local18, Religion 18, Uttar pradesh news, Varanasi newsFIRST PUBLISHED : November 23, 2023, 18:13 IST

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