[ad_1]

अभिषेक माथुर/हापुड़. उत्तर प्रदेश के हापुड़ जिले में किसानों की रूचि अब परंपरागत खेती के साथ-साथ सब्जियों की खेती करने में बढ़ती जा रही है. इसके पीछे की बड़ी वजह है कि सब्जी की खेती में किसान को कम समय और कम लागत में अधिक मुनाफा होता है. इतना ही नहीं सीजन की सब्जियां होने की वजह से फसल के भाव भी मंड़ी में अच्छे मिलते हैं.

यही वजह है कि इस बार हापुड़ में गोभी की फसल की बंपर पैदावार होने वाली है. यहां किसानों ने सब्जी की फसल में अपनी रूचि दिखाते हुए बेमौसम में गोभी की पौध अधिक तैयार कराई है. माना ऐसा जा रहा है कि इस बार हापुड़ की गोभी दिल्ली की सब्जी मंड़ी तक ही सीमित नहीं रहेगी, बल्कि देश-विदेश में भी सप्लाई होगी.

अगेती फूलगोभी की खेती से किसानों को अच्छा मुनाफा

आपको बता दें कि पश्चिमी उत्तर प्रदेश के हापुड़ जिले में किसान हाईवे किनारे ही खेती-किसानी कर लाखों-करोड़ों रूपये का कारोबार कर लेते हैं. जिनमें गेहूं, मक्का, आलू या फिर गन्ने की फसल आदि हैं. लेकिन किसानों का रूझान अब परंपरागत खेती के अलावा सब्जियों की खेती की ओर भी अधिक हो रहा है. यही वजह है कि किसान अगेती फूलगोभी फसल की खेती कर अच्छा मुनाफा कमाने लगा है. अगस्त और सितंबर माह अगेती फूलगोभी की फसल का सबसे उचित समय होता है.

इतने दिनों में फसल होती है तैयार

हापुड़ के जिला उद्यान अधिकारी डॉ. हरित कुमार ने बताया कि किसानों का रूझान सबसे ज्यादा बंदा और फूल गोभी की सब्जी की पर ज्यादा है. यही वजह है कि हापुड़ के बाबूगढ़ में सेंटर ऑफ एक्सीलेंस फॉर वेजीटेबल पर सवा लाख पौध गोभी की तैयार कराई गई है. बेमौसम में इस पौध को तैयार किया गया है. अब हापुड़ के आसपास के गांवों में पत्ता-फूल गोभी की फसल बोनी शुरू हो जाएगी और करीब 75 से 80 दिन में यह फसल तैयार हो जाएगी.

उन्होंने बताया कि एक बीघे में 20 से अधिक कुंतर की पैदावार होती है. अगेती गोभी खुदरा बाजार में 30 से 40 रूपये प्रति किलो तक बिकती है. ऐसे में थोक मंड़ियों में गोभी 20 से 25 रूपये प्रति किलोग्राम तक आसानी से बिक जाती है. इस खेती से किसान को कम मेहनत और लागत में अधिक मुनाफा मिल जाता है.
.Tags: Hapur News, Local18, UP newsFIRST PUBLISHED : August 22, 2023, 22:01 IST

[ad_2]

Source link