[ad_1]

अंजली शर्मा/कन्नौज:पशुपालकों को अपने पशुओं को लेकर विशेष सावधानी बरतनी पड़ती है. ऐसे में पशुओं को बदलते मौसम में कुछ आवश्यक चीजों को लेकर पशुपालकों को ध्यान रखना चाहिए नहीं तो पशुओं में इन समस्याओं का खतरा बढ़ जाता है. पशु चिकित्सालय में मवेशियों का नि:शुल्क पथरी ऑपरेशन किया जा रहे हैं. कुछ मवेशियों में पेशाब बंद होने पर चीरा लगाकर कैथेटर भी डालें जा चुके हैं. ऐसे में पशुओं में पथरी की समस्या अब आम हो चुकी है. जिसका समय रहते अगर इलाज नहीं किया गया तो यह जानलेवा तक साबित हो सकती है.

पशु चिकित्सा अधिकारी डॉक्टर कर्ण वीर सिंह ने बताया कि सर्दियों के मौसम में मवेशी कम पानी पीते हैं. जिस कारण उनको पथरी की समस्या होने की ज्यादा आशंका रहती है. ऐसे में उन मवेशियों को पशु चिकित्सक से परामर्श लेकर रोजाना 20 ग्राम नौसादर खिलाकर उनको इस समस्या से बचाया जा सकता है. अगर समय रहते इस समस्या का समाधान नहीं किया गया तो यह पथरी पशुओं के पेशाब नली में आकर फंस जाती है, जिस कारण उनका पेट फूलने लगता है और पेशाब न होने के कारण उनकी मौत तक हो जाती है.

मवेशियों को खुले में ना बांधे

सर्दी में पशुओं की अच्छी तरह देखभाल करें जिससे सर्दी में मवेशियों के स्वास्थ्य पर कोई दुष्प्रभाव ना पड़े सर्दी में दुधारू गाय, भैंस में दूध की कमी हो जाती है. ठंड की वजह से मवेशी कई तरह की बीमारियों के शिकार हो जाते हैं. ऐसे में पशुपालकों को चाहिए कि मवेशी के रहने के स्थान पर सफाई रखें. सर्दी में मवेशियों को खुले में ना बंधे हो सके तो कंबल या झूठ टाट पट्टी की झूल बनाकर उनका ओढ़ाए. संतुलित मात्रा में पशुओं को पौष्टिक प्रोटीन युक्त चारा खिलाएं.

पानी की कमी सबसे बड़ा कारण

सर्दी के मौसम में मवेशियों को पानी की कमी के कारण पेशाब नली में पथरी हो जाती है. समय से इलाज न मिलने से पेशाब बंद होने से मवेशियों की मौत तक हो सकती है. पेशाब रुकने का सफल इलाज ऑपरेशन है. इस दौरान मवेशियों के चीरा लगाकर कैथेटर डाले जाते हैं. सर्दियों के मौसम में मवेशियों को पथरी की समस्या होने से बचने के लिए उनका रोजाना 20 ग्राम नौसादर खिलाकर पथरी की समस्या से बचाया जा सकता है. यह देने से पहले पशु चिकित्सक से राय लेना भी बहुत जरूरी रहता है.
.Tags: Hindi news, Local18, UP newsFIRST PUBLISHED : January 9, 2024, 09:04 IST

[ad_2]

Source link