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इलाहाबाद. मथुरा श्री कृष्ण जन्मभूमि और शाही ईदगाह विवाद मामले में दाखिल याचिका पर इलाहाबाद हाईकोर्ट ने अहम फैसला सुनाया है. इलाहाबाद हाईकोर्ट ने मूल वाद की सुनवाई में किसी भी तरह का दखल देने से इनकार किया है. हाईकोर्ट ने कहा है कि श्रीकृष्ण जन्मभूमि का विवाद बहुत बड़ा और गंभीर मामला है. इसलिए इस मामले में सुनवाई को निर्धारित समय सीमा में पूरी किए जाने का आदेश नहीं दिया जा सकता है. हाईकोर्ट ने अपने फैसले में मूल वाद के साथ याचिकाकर्ता द्वारा दाखिल की गई दो अर्जियों का निस्तारण जल्द करने का निचली अदालत को आदेश दिया है.जिला कोर्ट को कहा- 4 महीने में दें फैसलाहाईकोर्ट ने मथुरा की जिला अदालत को 4 महीने में सुनवाई पूरी कर फैसला सुनाने का आदेश दिया है. पहली अर्जी में मथुरा की जिला अदालत में चल रहे सभी मुकदमों को सूचीबद्ध कर एक साथ सुनवाई किए जाने की मांग को लेकर है. दूसरी अर्जी में विवादित जगह पर मुस्लिम पक्ष का प्रवेश प्रतिबंधित किए जाने की मांग की गई है. याचिकाकर्ता के अधिवक्ता रामानंद गुप्ता और हर्षित गुप्ता के मुताबिक मथुरा में 13.37 एकड़ भूमि श्री कृष्ण विराजमान की है. इसमें से 2 एकड़ भूमि पर सुन्नी वक्फ बोर्ड ने कब्जा कर रखा है. उनके दखल पर रोक लगाए जाने की मांग की गई थी.दो अलग अर्जियांगौरतलब है कि याचिकाकर्ता भगवान श्रीकृष्ण विराजमान के वाद मित्र मनीष यादव ने मथुरा की जिला अदालत में दो अलग-अलग अर्जियां दाखिल कर रखी हैं. हाईकोर्ट ने इन दोनों अर्जियों का निस्तारण चार महीने में करने का आदेश दिया है. हाईकोर्ट ने मूल वाद को लेकर टिप्पणी करते हुए कहा है कि धार्मिक भावनाओं से जुड़े हुए मामलों में जल्दबाजी कतई ठीक नहीं है. कोर्ट ने कहा है कि तथ्यों के आधार पर निचली अदालत सुनवाई का प्रारूप तय करेगा. जस्टिस सलिल कुमार राय की सिंगल बेंच में हुई सुनवाई.ब्रेकिंग न्यूज़ हिंदी में सबसे पहले पढ़ें News18 हिंदी | आज की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट, पढ़ें सबसे विश्वसनीय हिंदी न्यूज़ वेबसाइट News18 हिंदी |FIRST PUBLISHED : May 12, 2022, 19:00 IST

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