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सनंदन उपाध्याय/बलिया : जिला अस्पताल में 7 सालों से ट्रामा सेंटर बनकर तैयार तो हो गया. लेकिन आज तक चालू नहीं हो पाया. मरीजों के हित में बना यह ट्रामा सेंटर धूल फांक रहा है. मजबूरन दुर्घटना के शिकार मरीजों को बीएचयू ट्रामा सेंटर के लिए रेफर करना पड़ता है. ज्यादातर मरीज तो रास्ते में ही दम तोड़ देते हैं. आपको बताते चलें कि इस ट्रामा सेंटर को चालू करने के संदर्भ में अभी तक कोई कठोर प्रयास नहीं किया गया.लक्ष्मण यादव ने बताया कि यह ट्रामा सेंटर 2016 में पूरी तरह से बनकर तैयार तो हो गया. लेकिन ट्रामा सेंटर की इमारत केवल सफेद हाथी बनकर रह गई है. इसका फायदा आज तक किसी को नहीं मिल पाया. 7 सालों से तैयार ट्रामा सेंटर जनपद वासियों के लिए केवल हंसी का पात्र बनकर रह गया है. लाखों की लागत से बना ट्रामा सेंटर आज तक चालू नहीं हो पाया.मरीजों को मिलता है सिर्फ प्राथमिक उपचारवर्तमान में इसमें ओपीडी का कार्य संचालित किया जा रहा है. मुख्य रूप से सड़क दुर्घटना में गंभीर रूप से घायल मरीजों के लिए इसका निर्माण हुआ. लेकिन ट्रामा सेंटर को चालू न होने के कारण इमरजेंसी में डॉक्टर के द्वारा प्राथमिक उपचार करके बीएचयू ट्रामा सेंटर के लिए मरीजों को रेफर कर दिया जाता है. ज्यादातर मरीज तो रास्ते में ही अपना दम तोड़ देते हैं.कब चालू होगा ट्रामा सेंटरलाखों की लागत से बना ट्रामा सेंटर जनपद वासियों के सपनों पर अभी तक खरा नहीं उतर पाया. यह ट्रामा सेंटर जिस उद्देश्य से बनाया गया वह उद्देश्य आज तक सपना ही बना रहा. आज भी जनपद वासियों को ट्रामा सेंटर के संचालित होने की उम्मीद बनी हुई है. जिला अस्पताल के सीएमएस डॉ. एसके यादव से ने कहा कि ट्रामा सेंटर को लेकर जिलाधिकारी बलिया पूरी तरह से गंभीर हैं. कई बार इसका निरीक्षण भी कर चुके हैं आशा है कि डीएम रविन्द कुमार के नेतृत्व में जल्द ही ट्रामा सेंटर का संचालन शुरू हो जाएगा..FIRST PUBLISHED : October 8, 2023, 16:30 IST

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