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अंजू प्रजापति/रामपुर. रामपुर न केवल अपनी समृद्ध सांस्कृतिक विरासत, स्वादिष्ट व्यंजनों और मनमोहक परिदृश्यों के लिए जाना जाता है बल्कि यह खेल गतिविधियों के विकास और बेहतरीन इन्फ्रास्ट्रक्चर के एक बड़े केन्द्र के रूप में भी उभर रहा है. यहां के युवा भी अपने शहर का नाम अंतरराष्ट्रीय स्तर पर रोशन कर रहें है. रामपुर के रहने वाले मुजाहिद हबीब उनमें से एक हैं, जिन्हें नहीं पता कि, डर क्या होता है? ऊंचाई जितनी अधिक हो, पार्कोर करने में उन्हें मजा आता है. मुजाहिद हबीब भारत के पहले पार्कोर और फ्री रनिंग के इंटरनेशनल चैंपियन है. हाल ही में उन्होंने गूगल के ऐड में काम किया.

पार्कोर एक्सपर्ट मुजाहिद हबीब बताते है कि वे पेशे से आर्किटेक्ट है. साल 2005 में अकेले ही पार्कोर की दुनिया में कदम रखा और साल 2012 में मुजाहिद भारत के पहले पार्कोर और फ्री रनिंग के नेशनल चैंपियन बने. फिर धीरे-धीरे उनकी इस मुहिम से तमाम लोग जुड़ते गए. हबीब बताते है कि जब रेडबुल के जरिये आयोजित इंडस ट्रायल पार्कोर और फ्री रनिंग कॉम्पिटिशन हुआ तो पूरे इंडिया से आठ लोग स्लेक्ट हुए जिसमें छह लोग रामपुर से थे. उस कॉम्पिटिशन में मुजाहिद हबीब ने पहला पायदान हासिल किया था.

 

रेमंड बैले ने की थी पार्कोर आर्ट की शुरुआत

मुजाहिद हबीब अब न केवल जिले में बल्कि अन्य शहरों में भी लोगों को ट्रेंड कर रहे है स्कूल, कॉलेज, सीआरपीएफ और आर्मी तक को मुजाहिद और उनकी टीम फ्री रनिंग की ट्रेनिंग दे रही है. सरकार द्वारा लाई गई मिशन शक्ति योजना में भी हबीब ट्रेनिंग देने जाते है. उनके सिखाये गए स्टूडेंट्स अब रामपुर के अलावा देहरादून, दिल्ली और भी अन्य शहरों में लोगों ये हुनर सीखा रहे है और अपने रामपुर का नाम रोशन कर रहे है. पार्कोर एक फ्रेंच आर्ट फॉर्म है, जो एक तरह से मिलिट्री ट्रेनिंग की तरह है. इसमें रास्ते में आने वाली रुकावटों को क्लाइंबिंग, जंपिंग, रनिंग, स्विंगिंग, रोलिंग और वॉल्टिंग के जरिए पार किया जाता है. इसमें परफॉर्मर हवा में उछलता, कूदता और कलाबाजी करता नजर आता है. पार्कोर आर्ट फॉर्म की शुरुआत फ्रांस के रेमंड बैले ने की थी.

.Tags: Local18, Rampur news, UP newsFIRST PUBLISHED : September 16, 2023, 15:56 IST

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