[ad_1]

नई दिल्‍ली. दिल्‍ली से मेरठ तक 82 किमी. लंबे आरआरटीएस कॉरिडोर (रैपिड रेल स्‍टेशनों) पर लगने वाले एस्‍केलेटर्स पर साड़ी या ढीले कपड़े नहीं फसेंगे. एस्‍केलेटर और लिफ्ट लगाने का काम गाजियाबाद के गुलधर और साहिबाबाद स्‍टेशनों से शुरू हो चुका है. एस्‍केलेटर कई तरह की विशेषताओं वाले होंगे.
आरआरटीएस के अनुसार प्राथमिक सेक्‍शन यानी साहिबाबाद से गुलधर तक 5 स्टेशन हैं, साहिबाबाद, गाज़ियाबाद, गुलधर, दुहाई और दुहाई डिपो. इन सभी स्टेशनों में कुल 36 एस्केलेटर और 26 लिफ्ट लगाई जाएंगी. इनमें से अब तक 8 एस्केलेटर्स और 4 लिफ्ट का लगाने का काम पूरा कर लिया गया है. गुलधर स्टेशन पर 4 एस्केलेटर लगाए तथा 2 लिफ्ट लगाई जा चुकी हैं, वहीं, साहिबाबाद स्टेशन पर 4 एस्केलेटर्स के लगाए जा चुके हैं.
एस्केलेटर्स की कुछ प्रमुख विशेषताएं
. एस्केलेटर के साइड के पैनल और स्टेप (सीढ़ी) के बीच में साड़ी जैसे ढीले कपड़ों के उलझने की संभावना को कम करने के लिए स्कर्ट गार्ड का प्रयोग किया गया है.
. एस्केलेटर पर यात्रा करते समय यात्रियों की उंगलियों की सुरक्षा के लिए एस्केलेटर के हैंडरेल पर फिंगर गार्ड लगा होगा.
. एस्केलेटर के असामान्य संचालन पर यात्रियों को एस्केलेटर से गिरने से बचाने के लिए कई स्वचालित सुरक्षा उपकरण होंगे, जिनमें एंटी-रिवर्सल डिवाइस, ड्राइव चेन ब्रोकन डिवाइस, हैंडरेल ब्रोकन डिवाइस, एस्केलेटर ओवर स्पीड डिवाइस, स्टेप सैग / स्टेप ब्रोकन डिवाइस, स्टेप अप-थ्रस्ट डिवाइस, स्टेप मिसिंग डिवाइस, हैंडरेल मॉनिटरिंग डिवाइस आदि.
. एस्केलेटर पर मजबूत पकड़ के लिए “V” प्रकार के हैंडरेल होंगे.
.प्रत्येक एस्केलेटर पर आसानी से बोर्डिंग और डी-बोर्डिंग करने के लिए पीली लाइन और पीली लाइट के साथ चार समतल स्टेप होंगे.
.स्टेशन के अंदर पेड एरिया में लगाए गए एस्कलेटर के साइड में शीशे लगे होंगे, जबकि नॉन पेड एरिया में यह स्टेनलेस स्टील का होगा.
. एस्केलेटर पर यात्रियों की सुरक्षा के लिए एस्कलेटर के ऊपर और नीचे अतिरिक्त इमर्जेंसी स्टॉप स्विच होंगे, जिन्हें ज़रूरत पड़ने पर प्रयोग करके एस्कलेटर को रोका जा सकेगा।ब्रेकिंग न्यूज़ हिंदी में सबसे पहले पढ़ें News18 हिंदी| आज की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट, पढ़ें सबसे विश्वसनीय हिंदी न्यूज़ वेबसाइट News18 हिंदी|Tags: Delhi-Meerut RRTS CorridorFIRST PUBLISHED : September 27, 2022, 18:48 IST

[ad_2]

Source link