[ad_1]

इलाहाबाद सेंट्रल यूनिवर्सिटी में बहुत जल्‍द ही पाकिस्तान की ओर से किए जाने वाले छद्म युद्ध और भारत की ओर से किए गए सर्जिकल स्ट्राइक समेत कई तमाम नए मुद्दों की पढ़ाई होगी. नई शिक्षा नीति 2020 के तहत पाठ्यक्रम में बड़ा बदलाव किया जा रहा है. आज के दौर में युद्ध के वक्त और देश की सुरक्षा को लेकर सोशल मीडिया की क्या भूमिका है, छात्रों को यह भी पढ़ाया जाएगा.
इस विभाग में होगी पढ़ाईइन विषयों की पढ़ाई इलाहाबाद सेंट्रल यूनिवर्सिटी के डिपार्टमेंट ऑफ डिफेंस एंड स्ट्रैटेजिक स्टडीज विभाग में होगी, जिसमें छात्रों को पुलवामा हमलों की तरह पाकिस्तान द्वारा किए जाने वाले छद्म युद्ध और भारत द्वारा की गई सर्जिकल स्ट्राइक समेत तमाम मुद्दों को पढ़ाई होगी. डिपार्टमेंट ऑफ डिफेंस एंड स्ट्रैटेजिक स्टडीज के विभागाध्यक्ष प्रोफेसर भारतीय दास ने बताया कि आज के दौर में युद्ध के वक्त और देश की सुरक्षा को लेकर सोशल मीडिया की भूमिका के बारे में भी छात्रों को पढ़ाया जाएगा. इसके अलावा त्रेतायुग से लेकर अब तक हुए युद्धों में देश के जवानों को मिली जीत की गाथा भी छात्रों को पढ़ाई जाएगी. नए पाठ्यक्रम के तहत कई फाउंडेशन और ऐच्छिक विषय भी शामिल किए जाएंगे.

70 फीसदी सेलेबस एक समानप्रोफेसर भारतीय दास के मुताबिक सूबे के राज्य विश्वविद्यालयों में 70 फीसदी पाठ्यक्रम एक समान होंगे, जबकि 30 फीसदी पाठ्यक्रम विश्वविद्यालय स्वयं तैयार कर रहे हैं. उन्होंने बताया है कि पाठ्यक्रम तैयार कर शासन को भेज दिया गया है. इलाहाबाद सेंट्रल यूनिवर्सिटी में शैक्षिक सत्र 2022-23 से लागू होने वाली 4 वर्षीय स्नातक पाठ्यक्रम को तैयार कर बोर्ड आफ स्टडीज को भेजा गया है.
किस सेमेस्‍टर में क्‍या होगी पढ़ाईपाठ्यक्रम में प्रथम सेमेस्टर में 3 फाउंडेशन कोर्स कराया जाएगा जिसमें भाषा हिंदी व अंग्रेजी और युद्ध की अवधारणा के बारे में छात्र-छात्राओं को शिक्षा दी जाएगी. दूसरे सेमेस्टर में एक विषय के रूप में आपदा प्रबंधन पर्यावरण परिवर्तन और समस्या भारतीय युद्ध कला के बारे में शिक्षा दी जाएगी जबकि तीसरे सेमेस्टर में अंतरराष्ट्रीय संबंधों के बारे में तथा चौथे सेमेस्टर में राष्ट्रीय सुरक्षा के सैद्धांतिक पक्ष और पांचवें सेमेस्टर में युद्ध का विज्ञान एवं तकनीक के संबंध और युद्ध का चिंतन विषय भी पाठ्यक्रम में शामिल किया गया है. छठवें सेमेस्टर में भारतीय रक्षा संगठन, राष्ट्रीय सुरक्षा की अर्थव्यवस्था के बारे में सातवें सेमेस्टर में विश्व का वर्तमान वातावरण, भू- राजनीति और भौगोलिक सैन्य,भारत की अपरंपरागत सुरक्षा एवं चुनौतियों के बारे में पढ़ाई होगी. अंतिम और आठवें सेमेस्टर में देश की सीमाओं का भ्रमण या ऑनलाइन कोर्स का छात्र छात्राओं को विकल्प दिया जाएगा. इस तरह से 8 सेमेस्टर में स्नातक की पढ़ाई पूरी होगी.
ये भी पढ़ेंUP Lekhpal Bharti 2022: यूपी में लेखपाल के 4443 पद खाली, जल्द शुरू होगी आवेदन प्रक्रिया, पढ़ें डिटेलEducation News: दूरस्थ शिक्षा पाठ्यक्रमों में प्रवेश के इच्छुक छात्रों के लिए गाइडलाइन जारी, पढ़ें यूजीसी के दिशानिर्देश
क्‍या कहते हैं छात्र
छात्र-छात्राओं का भी मानना है कि त्रेता युग से लेकर महाकाव्य कालीन युद्धों में जो रणनीति होती थी आज वैसा कुछ भी नहीं है. छात्र पीयूष त्रिपाठी कहते हैं आज किसी भी देश की सेना सेनाएं आमने-सामने युद्ध नहीं लड़ती हैं. दो देशों के बीच संघर्ष अब छद्म युद्ध के जरिए लड़ा जा रहा है. छात्रा सोनम सिंह कहती हैं हाल के दिनों में पुलवामा अटैक और सर्जिकल स्ट्राइक को पाठ्यक्रम में शामिल करने से उन्हें युद्ध के नए स्वरूप और युद्ध के बदलते ट्रेंड को जानने समझने का मौका मिलेगा.ब्रेकिंग न्यूज़ हिंदी में सबसे पहले पढ़ें News18 हिंदी | आज की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट, पढ़ें सबसे विश्वसनीय हिंदी न्यूज़ वेबसाइट News18 हिंदी |Tags: Allahabad news, Allahabad university, Surgical StrikeFIRST PUBLISHED : September 13, 2022, 13:04 IST

[ad_2]

Source link