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हाइलाइट्ससरकार की महत्वकांक्षी योजना में इतने बड़े पैमाने पर गड़बड़ी योजना का लाभ जरूरतमंद नहीं बल्कि अपात्र लोग भी इसका फायदा उठा रहे हैंप्रयागराज. यूपी के प्रयागराज में प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना (PM Kisan Yojna) में बड़ा खेल सामने आया है. लाभार्थियों की जांच पड़ताल में हजारों ऐसे लाभार्थी मिले हैं जिनका संबंधित गांवों में कोई अता-पता ही नहीं है. यही नहीं ये लोग संबंधित तहसील में भी ढूंढे़ नहीं मिल रहे. इतना ही नहीं, करीब 53 ऐसे लाभार्थी भी हैं, जिनके पिता या पति का एक ही नाम दर्ज है. इसके साथ ही 51 हजार लाभार्थी योजना में डाटा मिसमैच होने के चलते पहले ही बाहर हो गए हैं. जिसके बाद लाभार्थियों के कराये जा रहे भूलेख सत्यापन के दौरान सामने आ रहीं अनियमितताओं से पूरी योजना को लेकर गंभीर सवाल खड़े हो रहे हैं.
भूलेख सत्यापन में पता चला है कि सोरांव तहसील में 53 ऐसे लाभार्थी हैं, जिनके पिता या पति के नाम के कॉलम में बचई लाल लिखा है. लेकिन लाभार्थियों को जब उनके पते पर ढूंढा गया तो पता चला कि इस नाम का गांव में कोई है ही नहीं. जबकि लाभार्थियों के पुत्र-पुत्रियों के नाम अलग-अलग गांवों में दर्ज हैं. इसके अलावा बड़ी संख्या में ऐसे किसान भी मिले हैं, जिनके नाम पर सम्मान निधि के दो या इससे अधिक खाते मौजूद हैं. ये लोग भी रिकॉर्ड में दर्ज पते पर ये मिले ही नहीं.अब ऐसे लोगों की सूची तैयार की जा रही है.
प्रयागराज में 6 लाख 45 हजार किसान को मिला लाभप्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि में बड़े पैमाने पर अनियमितता सामने आने के बाद कृषि विभाग और राजस्व की संयुक्त टीम द्वारा भूलेख का सत्यापन कराया जा रहा है. उपनिदेशक कृषि विनोद कुमार के मुताबिक प्रयागराज जिले में 6 लाख 45 हजार किसानों को प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना का लाभ दिया जा रहा है. उन्होंने योजना में किसी भी अनियमितता या फिर धांधली की बात से साफ तौर पर इंकार किया है. उन्होंने कहा है कि प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि के लाभार्थियों का पोर्टल से 6 लाख 96 हजार लाभार्थियों का मिला है.
कोई गड़बड़ी नहीं- उपनिदेशक कृषिउपनिदेशक कृषि कहते हैं कि भूलेख सत्यापन में ऐसे मामले जरुर आये हैं कि एक पिता के नाम पर दो-तीन लाभार्थी योजना का लाभ ले रहे हैं. उन्होंने कहा है कि ऐसा हो भी सकता है. क्योंकि इस योजना में पति-पत्नी और नाबालिग बच्चों को एक परिवार माना जायेगा. उनमें से एक व्यक्ति को ही योजना का लाभ मिलेगा. जबकि बालिग पुत्र और पुत्री के नाम यदि भूमि है, तो वे अलग परिवार की श्रेणी में आते हैं तो वे भी योजना के पात्र हैं. इसमें कोई गड़बड़ी नहीं है. इसके अलावा कई किसान ऐसे भी हैं, जिन्होंने कई बार पोर्टल पर रजिस्ट्रेशन कराया है.
सत्यापन का काम जारीलेकिन एक सफल रजिस्ट्रेशन के डाटा पर ही उन्हें योजना का लाभ दिया जा रहा है. उपनिदेशक ने कहा है कि ऐसे कई मामले जरुर सामने आये हैं. उन्होंने कहा है कि फिलहाल सत्यापन का काम चल रहा है और सत्यापन के पूरे होने के बाद ही इस बाद का पता चलेगा कि कितने डुप्लीकेट लोग योजना का लाभ ले रहे हैं.
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