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विशाल झा/गाजियाबाद: एक हॉकी खिलाड़ी के लिए उसकी हॉकी स्टिक काफी मायने रखती है. हॉकी के खिलाड़ी को उसके स्टिक के प्रति एक इमोशनल झुकाव भी होता है. दरअसल, गाजियाबाद के महामाया स्टेडियम में हॉकी के खिलाड़ी बिना अपनी ड्रेस और निजी स्टिक के प्रैक्टिस कर रहे थे. लेकिन अब उन्हें स्पोर्ट्स अथॉरिटी ऑफ इंडिया (साई) की तरफ से इन खिलाड़ियों को किट और यूनिफॉर्म मिली है. अब यह खिलाड़ी एक टीम की तरह दिख रही है और पूरी उत्साह के साथ प्रैक्टिस कर रही है.हॉकी खिलाड़ी मनीष ने कहा कि स्टेडियम की तरफ से यह किट मिली है. पहले घर के कपड़ों में ही प्रैक्टिस करनी पड़ती थी और हॉकी स्टिक भी दूसरों से मांग कर खेलना पड़ता था. लेकिन अब सभी खिलाड़ियों पर अपनी किट है. यह ड्रेस काफी अच्छी है क्योंकि इसमें पसीना भी सूख जाता है. ऐसा घर के कपड़ों में नहीं हो पता था इसके साथ ही अब पूरी टीम एक ही ड्रेस में प्रैक्टिस करती है तो अच्छा लगता है. वहीं पारुल ने बताया कि महामाया स्टेडियम में प्रैक्टिस करते हुए लगभग 1 साल हो गया. यह जो ड्रेस है इसको पहनने पर काफी अच्छा लग रहा है. एक ही किट में लोग प्रैक्टिस कर रहे है तो उससे खिलाड़ियों का उत्साह दोगुना हो गया है.खिलाड़ियों के लिए बड़ा अवसरजिला क्रीड़ा अधिकारी पूनम बिश्नोई ने बताया कि किसी भी खिलाड़ी के लिए यह खुशी का अवसर होता है. जब उन्हें किट प्रदान की जाती है. क्योंकि किट से खेल भावना के साथ हम सम्मान उद्देश्य पर फोकस कर पाते है. जो बच्चे गरीब तबके से आते है और वास्तव में किट नहीं अफोर्ड कर पाए उन खिलाड़ियों के लिए यह एक बड़ा अवसर है. अब वह खिलाड़ी भी पूरे गर्व के साथ स्टेडियम में प्रैक्टिस कर रहे है.नेशनल हॉकी टूर्नामेंट के लिए प्रैक्टिस कर रहे हैंसभी खिलाड़ी गाजियाबाद के विभिन्न क्षेत्रों से आते है. परिवार की आर्थिक स्थिति खराब होने के कारण यह खिलाड़ी अपनी निजी किट का खर्च वहन नहीं कर सकते. यह सभी खिलाड़ी नेशनल हॉकी टूर्नामेंट के लिए प्रैक्टिस कर रहे है जो वर्ष में दो बार होती है. हॉकी किट के बिना, सभी खिलाड़ी एक दूसरे से हॉकी शेयर करके मैच खेलते थे. अगर कभी टीम को टूर्नामेंट में जाना पड़ता था तो ड्रेस की कमी होने के कारण टीम कंप्लीट नहीं हो पाती थी..FIRST PUBLISHED : October 23, 2023, 21:32 IST

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