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Ayurvedic herbs of high cholesterol: कोलेस्ट्रॉल एक मोम, फैट जैसा पदार्थ है जो लिवर में उत्पन्न होता है और कुछ खाने वाली चीजों में पाया जाता है. यह हार्मोन, कोशिका झिल्लियों और पित्त अम्लों के उत्पादन सहित शरीर के सामान्य कामकाज के लिए महत्वपूर्ण है. कोलेस्ट्रॉल दो प्रकार के होते हैं: एलडीएल (कम घनत्व वाले लिपोप्रोटीन) और एचडीएल (हाई घनत्व वाले लिपोप्रोटीन). एलडीएल कोलेस्ट्रॉल को अक्सर ‘खराब’ कोलेस्ट्रॉल कहा जाता है क्योंकि यह धमनियों की दीवारों में जमा हो सकता है, जिसके बाद खून का फ्लो ब्लॉक होता है. इस स्थिती में दिल की बीमारी और स्ट्रोक का खतरा बढ़ जाता है. वहीं, एचडीएल कोलेस्ट्रॉल को गुड कोलेस्ट्रॉल कहा जाता है क्योंकि यह रक्तप्रवाह से एलडीएल कोलेस्ट्रॉल को हटाने में मदद करता है.कहानी अभी बाकी हैलाइव टीवी
हाई कोलेस्ट्रॉल से क्या होता है?जब खून में बैड कोलेस्ट्रॉल का स्तर अधिक होता है, तो यह हाइपरकोलेस्ट्रोलेमिया नामक स्थिति को जन्म दे सकता है. यह हार्ट अटैक और स्ट्रोक सहित दिल की बीमारी के विकास के खतरे को बढ़ा सकता है. हाई कोलेस्ट्रॉल लेवल विभिन्न प्रकार के फैक्टर के कारण हो सकता है, जिसमें सेचुरेटेड और ट्रांस फैट में हाई डाइट, व्यायाम की कमी, धूम्रपान, मोटापा, डायबिटीज और जेनेटिक शामिल हैं. 
बैड कोलेस्ट्रॉल को जड़ से खत्म करेंगी ये आयुर्वेदिक जड़ी बूटियां
गुग्गुलुगुग्गुलु एक प्राकृतिक उत्पाद है जो पौराणिक आयुर्वेदिक चिकित्सा में उपयोग किया जाता है. इसमें उपस्थित गुग्गुलुस्टेरोन नामक एक संयोग होता है जो कोलेस्ट्रॉल को कम करने में मदद करता है. गुग्गुलुस्टेरोन शरीर में लिपिड संश्लेषण को बढ़ाता है जो फैट से उत्पन्न कोलेस्ट्रॉल को तोड़ने में मदद करता है.
अर्जुनअर्जुन एक पेड़ की छाल है जिसका उपयोग हजारों वर्षों से आयुर्वेदिक चिकित्सा में किया जाता रहा है. ऐसा माना जाता है कि यह एलडीएल कोलेस्ट्रॉल के ऑक्सीकरण को रोककर एलडीएल कोलेस्ट्रॉल के स्तर को कम करने में मदद करता है.
त्रिफलात्रिफला तीन फलों का एक संयोजन है: आंवला, हरीतकी और बिभीतकी. ऐसा माना जाता है कि यह आंतों में कोलेस्ट्रॉल के अवशोषण को कम करके एलडीएल कोलेस्ट्रॉल के स्तर को कम करने में मदद करता है. इसमें एंटीऑक्सीडेंट गुण भी होते हैं जो एलडीएल कोलेस्ट्रॉल के ऑक्सीकरण को रोकने में मदद कर सकते हैं.

ब्राह्मीब्राह्मी एक ऐसी जड़ी-बूटी है जिसका इस्तेमाल सदियों से आयुर्वेदिक चिकित्सा में किया जाता रहा है. ऐसा माना जाता है कि यह धमनियों में सूजन को कम करके एलडीएल कोलेस्ट्रॉल के स्तर को कम करने में मदद करता है. इसमें एंटीऑक्सीडेंट गुण भी होते हैं जो एलडीएल कोलेस्ट्रॉल के ऑक्सीकरण को रोकने में मदद कर सकते हैं.
हल्दीहल्दी एक ऐसा मसाला है जिसका इस्तेमाल भी हजारों सालों से आयुर्वेदिक दवाओं में किया जाता रहा है. ऐसा माना जाता है कि यह शरीर में सूजन को कम करके एलडीएल कोलेस्ट्रॉल के स्तर को कम करने में मदद करता है.
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी घरेलू नुस्खों और सामान्य जानकारियों पर आधारित है. इसे अपनाने से पहले चिकित्सीय सलाह जरूर लें. ZEE NEWS इसकी पुष्टि नहीं करता है.)
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