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अभिषेक जायसवाल/वाराणसी : छात्र संगठन भगत सिंह मोर्चा से जुड़े बीएचयू के दो छात्रों के घर पर एनआईए (NIA) के छापेमारी के बाद अब विश्वविद्यालय में घमासान मच गया है. एनआईए का इस कार्रवाई के बाद अब अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद ने भगत सिंह छात्र मोर्चा पर बैन लगाने की मांग की है. इसको लेकर बकायदा छात्र संगठन से जुड़े पदाधिकारियों ने बीएचयू (BHU) के चीफ प्रॉक्टर अभिमन्यु सिंह को पत्र सौंपा.

एबीवीपी (ABVP) की ओर से दिए गए इस मांग पत्र में लिखा गया कि काशी हिंदू विश्वविद्यालय परिसर में राष्ट्र विरोधी और नक्सली एजंडे को बढ़ाने में लगातार कुछ संगठन काम कर रहे है. इसमें विश्वविद्यालय के कई प्रोफेसर और छात्र भी शामिल है. इन सभी की पहचान कर उनपर एक्शन लेना चाहिए और देश विरोधी गतिविधियों में काम करने वाली इस संस्था पर कैंपस में बैन लगाना चाहिए.

क्या है एबीवीपी का आरोप ?विद्यार्थी परिषद के बीएचयू इकाई के अध्यक्ष अभय प्रताप सिंह ने आरोप लगाया कि भगत सिंह छात्र मोर्चा की गतिविधियां शुरू से ही संदिग्ध रही है. आरोप ये है कि बीसीएम खुलकर समर्थन करता हैं. CAA- NRC के खिलाफ विरोध में भी हुए हिंसा में इनकी संलिप्तता पाई गई थी. ऐसे में हमारी मांग है कि इस संगठन पर विश्वविद्यालय परिसर में पूरी तरह बैन लगाया जाए.

कार्रवाई से डरने वाले नहीं…वहीं इन तमाम आरोपों और एनआईए का छापेमारी के बाद भगत सिंह छात्र मोर्चा की आकांक्षा आजाद ने कहा कि वो ऐसी कार्रवाई से डरने वाली नहीं है. आकांक्षा ने आगे कहा कि वो जन मुद्दों के आवाज को उठाती है. जिसको दबाने के लिए सरकार की ओर से ऐसी कार्रवाई की जा रही है.
.FIRST PUBLISHED : September 05, 2023, 19:26 IST

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