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पीयूष शर्मा/मुरादाबादः शिक्षा को बेहतर करने के लिए पढ़ाई की जरूरत होती है. पढ़ाई के लिए किताबों की जरूरत होती है. जिसके लिए हमें या तो ऑनलाइन पढ़ाई करनी पड़ती है या फिर लाइब्रेरी में जाकर पढ़ाई करते हैं. ऐसे में मुरादाबाद नगर निगम की लाइब्रेरी में विभिन्न भाषाओं की बेशुमार पुस्तकों का भंडार है.

किताबें भी हिन्दी-अंग्रेजी ही नहीं बल्कि संस्कृत और उर्दू व अरबी-फारसी की भी मौजूद हैं. 86 साल से निगम की लाइब्रेरी शहर के ज्ञान का खजाना बनी है. वर्तमान डिजिटल युग में लाइब्रेरी को अपग्रेड करने की जरूरत है. लाइब्रेरी का 11 अगस्त, 1937 को यूपी में ब्रिटिश गर्वनर ग्राहम एमए ने उद्घाटन किया था.

डिजिटल की जा रही लाइब्रेरीमुरादाबाद में नगर निगम की लाइब्रेरी को अपग्रेड कर डिजिटल बनाया जा रहा है. लाइब्रेरी का डिजिटलाइजेशन होने पर देश ही नहीं विदेश में भी कहीं भी बैठकर आप यहां की बहुमूल्य पुस्तकों को लैपटॉप या मोबाइल या फिर कंप्यूटर पर वाचन कर सकते हैं. क्योंकि अगर देखा जाए तो अधिकतर युवा पीढ़ी कताबों को ऑनलाइन ही पढ़ना ज्यादा पसंद कर रही है. नगर निगम द्वारा लाइब्रेरी के रखरखाव पर खर्च तो किया जा रहा है. लेकिन उसका लाभ शहर के लोगों को अधिक लाभ नहीं मिल पा रहा है.

नगर निगम की लाइब्रेरी में तीस हजार किताबेंलाइब्रेरी का हॉल भले ही ज्यादा बड़ा न हो तो मगर यहां कई अल्मारियां हैं. जिनमें तमाम भाषा की पुस्तकें हैं. लाइब्रेरी का कामकाज देख रहे निगम के फुरकान अली का कहना है कि वह अरसे से यहां मौजूद हैं. उनका कहना है कि कोरोना काल के दौरान यह बंद रही. रजिस्टर में आने वालों का ब्योरा रखा जाता है. निगम इस पर सालाना पांच लाख रुपये खर्च करता है इसके साथ ही अब इसे डिजिटल किया जा रहा है. जिससे लाइब्रेरी का फायदा उठाने वाले लोगों को काफी हद तक सहूलियत होगी.

ब्रेकिंग न्यूज़ हिंदी में सबसे पहले पढ़ें News18 हिंदी| आज की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट, पढ़ें सबसे विश्वसनीय हिंदी न्यूज़ वेबसाइट News18 हिंदी|Tags: Moradabad News, UP newsFIRST PUBLISHED : May 12, 2023, 16:46 IST

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