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हाइलाइट्स2015 में दिल्ली में दंगा भड़काने की मिली थी जिम्मेदारीकप्पन पर पीएफआई का काला धन सफेद करने में मदद का आरोप लखनऊ. लखनऊ की एक विशेष अदालत ने केरल के पत्रकार सिद्दीक कप्पन की धन शोधन निरोधक अधिनियम के तहत दर्ज एक मामले में जमानत याचिका सोमवार को नामंजूर कर दी. अदालत ने पिछली 12 अक्टूबर को इस मामले को लेकर अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था. विशेष न्यायाधीश ‘प्रवर्तन निदेशालय’ संजय शंकर पांडे ने सोमवार को यह आदेश सुनाया. अदालत ने कहा कि मनी लॉन्ड्रिंग से जुड़ा यह मामला गंभीर प्रकृति का है, इसलिए कप्पन को जमानत नहीं दी जा सकती.
प्रवर्तन निदेशालय ‘ईडी’ ने कप्पन को धन शोधन निरोधक अधिनियम के तहत एक मामले में आरोपी बनाया था. कप्पन पर अवैध तरीके से विदेश से धन हासिल करने और उसे राष्ट्र हित के खिलाफ गतिविधियों में इस्तेमाल करने का आरोप है. कप्पन और तीन अन्य लोगों को छह अक्टूबर 2020 को हाथरस में एक युवती की कथित रूप से सामूहिक बलात्कार के बाद हुई हत्या के मामले की कवरेज के लिए जाते वक्त गिरफ्तार किया गया था.
2015 में दिल्ली में दंगा भड़काने की मिली थी जिम्मेदारीपुलिस ने कप्पन पर पहले गैर कानूनी गतिविधि निरोधक अधिनियम ‘यूएपीए’ के तहत मामला दर्ज किया था. बाद में प्रवर्तन निदेशालय ने भी उनके खिलाफ धन शोधन नियंत्रण कानून के तहत मामला दर्ज किया. ईडी ने अदालत में कहा था कि कप्पन पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया ‘पीएफआई’ के सक्रिय सदस्य हैं और उनसे वर्ष 2015 में दिल्ली में दंगे भड़काने के लिए कहा गया था.

कप्पन पर पीएफआई का काला धन सफेद करने में मदद का आरोप  जांच के दौरान एजेंसियों ने दावा किया था कि हाथरस मामले के बाद माहौल खराब करने के लिए पीएफआई सदस्यों को 1.38 करोड़ रुपये दिए गए थे. आरोप है कि कप्पन ने पीएफआई सदस्यों के काला धन को सफेद करने में मदद की थी. कप्पन को यूएपीए से जुड़े मामले में उच्चतम न्यायालय से जमानत मिल चुकी है.ब्रेकिंग न्यूज़ हिंदी में सबसे पहले पढ़ें News18 हिंदी| आज की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट, पढ़ें सबसे विश्वसनीय हिंदी न्यूज़ वेबसाइट News18 हिंदी|Tags: Kerala News, Lucknow news, Money Laundering Case, PFIFIRST PUBLISHED : November 01, 2022, 00:24 IST

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