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रिपोर्ट: विशाल झा

गाजियाबाद: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने एक भाषण में कहा था कि भारत दुनिया भर में इंटरनेशनल ईयर ऑफ मिलेट 2023 का नेतृत्व करेगा और मोटे अनाज की खेती और खपत को बढ़ावा देने के लिए कई कार्यक्रम आयोजित करेगा. प्रधानमंत्री मोदी भारत को मोटे अनाजों के लिए एक वैश्विक हब के रूप में स्थापित करने की कोशिश कर रहे हैं. भारत की मांग पर ही संयुक्त राष्ट्र ने 5 मार्च 2021 को वर्ष 2023 को इंटरनेशनल ईयर ऑफ मिलेट घोषित किया था. भारत की इस मांग को 72 देशों का समर्थन मिला था.

स्टार उत्सव भारत के हर राज्य में मिलेट्स मेले का आयोजन किया जा रहा है. इसी कड़ी में गाजियाबाद में भी खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन की तरफ से संस्कार वर्ल्ड स्कूल में ईट राइट मिलेट्स मेले का आयोजन किया गया है. जिसमें मोटे अनाजो के व्यंजन, सेल्फी पॉइंट्स, बच्चों द्वारा रंगोली प्रतियोगिता आदि का आयोजन किया गया. इस मेले में उत्तर प्रदेश के आयुष मंत्री दयाशंकर मिश्र दयालु ने भी मोटे अनाज के व्यंजनों का लुत्फ उठाया.

मोटे अनाज ही थे हमारा आहारआयुष मंत्री दयाशंकर मिश्र दयालु ने कहा कि जिनको आज हम मिलेट्स कहते हैं, किसी दौर में यही हमारा आहार हुआ करता था. जब वर्षा आधारित खेती हुआ करती थी, तब सिंचाई के साधनों का अभाव हुआ करता था. उस दौरान यही सारे अनाज लोग अपने खेतों में पैदा करते थे. रागी, ज्वार, कोदो आदि. जब भगवान कृष्ण से मिलने उनके मित्र सुदामा गए थे, तो उनके घर में अनाज के नाम पर कुछ नहीं था. इसलिए वो एक पोटली में बांध के सांवा लेकर गए थे. जो एक दम विलुप्त होने के कगार पर था. आज जो मिलेट्स के प्रति जागरूकता बढ़ी है, इसके लिए प्रधानमंत्री मोदी और मुख्यमंत्री योगी को बधाई देता हूं.

बढ़ रही डिमांडवैश्विक संस्था ग्लोबल एलाइंस फॉर इंप्रूव्ड न्यूट्रिशन के साथ मिलकर भारत में मिलेट्स के प्रति आम नागरिक और औद्योगिक इकाइयों में जागरूकता फैलाने वाली संस्था केएचपीटी की प्रोग्राम मैनेजर मिहिका ने बताया मिलेट्स एक ऐसी चीज है जो आपको हेल्दी भी रखेगा. लोग आजकल डाइट कॉन्शियस हैं. जिस कारण से लोग मिलेट्स के प्रति झुकाव रखते हैं. मोटे अनाज के विक्रेता हरप्रीत सिंह ने बताया आजकल मिलेट्स की डिमांड हाई है. लोग धीरे-धीरे जागरूक हो रहे हैं. जिनको किसी प्रकार की एलर्जी है वो लोग इनकी तरफ बढ़ रहें है. रागी और बाजरा की सबसे ज्यादा मांग है.

क्या होता है मिलेटमिलेट को हिंदी में मोटा अनाज कहते हैं, जिसमें (बाजरा, रागी, ज्वार, कांगनी) आदि शामिल है. इन मोटे अनाज के अंदर भारी मात्रा में फाइबर, खनिज के साथ कई आवश्यक पोषक तत्व शामिल होते हैं. मोटे अनाज को दुनिया भर में व्यापक तौर पर उगाया जाता है.

भारत मिलेट पर क्यों दे रहा है जोरमिलेट एक ऐसा अनाज है, जिसे खराब मिट्टी और कम वर्षा वाले क्षेत्र में उगाया जा सकता है. ऐसे में ये भारत के उन हिस्सों में एक महत्वपूर्ण खाद स्त्रोत बन सकता है, जहां अन्य फसलें नहीं पनप पाती हैं. इसके अलावा मिलेट्स में भारी मात्रा में पोषक तत्व पाए जाते हैं, जो कई प्रकार की बीमारियों से लड़ने में भी मदद करते हैं. मिलेट एक सूखा प्रतिरोधी फसल है, जिससे कि किसानों को भी कम नुकसान होगा.
ब्रेकिंग न्यूज़ हिंदी में सबसे पहले पढ़ें News18 हिंदी| आज की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट, पढ़ें सबसे विश्वसनीय हिंदी न्यूज़ वेबसाइट News18 हिंदी|Tags: Ghaziabad News, UP newsFIRST PUBLISHED : March 19, 2023, 16:35 IST

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