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अमित सिंह/प्रयागराज. संगम घाट पर पर्यटक मौज-मस्ती के लिए इन दिनों खूब जा रहे हैं, लेकिन बीते महीने लापरवाही के कारण डूबे हुए लोगों के आंकड़े बेहद भयावह हैं. पिछले डेढ़ महीने में गंगा-यमुना में 30 से अधिक लोगों की जान जा चुकी है. यह हादसा फाफामऊ, संगम, नैनी, करछना सहित तमाम घाटों पर बीते दिनों देखा गया है. ऐसे में हर दूसरे दिन गंगा घाटों पर होने वाले हादसे के कारण लगातार सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल उठ रहे हैं. खास बात यह है कि प्रशासन की ओर से पक्के इंतजाम न होने को इन मौतों का प्रमुख कारण माना जा रहा है.

अब इसे भीषण गर्मी का सितम कहें या उत्साह का अतिरेक. अक्सर छात्रों का समूह गंगा घाटों पर मौज मस्ती और सैर करने के लिए आता ही रहता है. 20 मई को ही फाफामऊ घाट पर गुरुकुल मांटेसरी स्कूल के 12वीं के दो छात्र गंगा में डूब गए थे. 22 मई को सतना के दो युवकों का भी यही हाल हुआ. इससे पहले शिवकुटी के कोटेश्वर महादेव घाट पर एमएनएनआईटी के 2 छात्र विकास और दीपेंद्र भी गहरे पानी में समा गए. ऐसे ही तमाम आंकड़े हैं जो बेहद भयावह और डरावने हैं.

लापरवाही सबसे बड़ा कारण

वैसे तो गंगा घाटों पर गहरे पानी का डेंजर जोन बनाया गया है लेकिन नहाने के दौरान छात्र, युवा इतने उत्साहित हो जाते हैं कि वे खतरे को भांप नहीं पाते हैं. उत्साह के अतिरेक में वे गहरे पानी में आनंद उठाने के लिए चले जाते हैं. बीते बुधवार की घटना में बच्चे सुरक्षा व्यवस्था में लगी बैरिकेडिंग पार कर गए. नतीजा रहा कि चारों गहरे पानी में समा गए. वहीं दूसरी ओर मोतीलाल नेहरू इंजीनियरिंग कॉलेज के छात्र भी चेतावनी बोर्ड को लांघ गए थे.

रील्स बनाना पड़ रहा भारी

5जी के दौर में हर चौथा व्यक्ति इंफ्लुएंसल बनना चाहता है. ऐसे में अजब गजब कारनामे करने का कोशिश में भी लोग गहरे पानी में समा रहे हैं. चाहे वह रील्स बनाना हो या फिर एक अधिकतम ऊंचाई से कूदना. यह सब भी डूबने का एक प्रमुख कारण ही बताया जा रहा है.
.Tags: Allahabad news, Local18, Prayagraj SangamFIRST PUBLISHED : June 15, 2023, 13:19 IST

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