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रिपोर्ट- अंजलि सिंह राजपूत
लखनऊ. यूपी की राजधानी लखनऊ की मशहूर भूलभुलैया की ऐतिहासिक गैलरी पर पिछले 4 साल से लटका ताला आखिरकार खुलने जा रहा है. इसी अगस्त महीने से पुरातत्व विभाग इसकी मरम्मत का काम शुरू कर देगा. मरम्मत का काम करीब तीन से चार महीने तक चलेगा. यानी काम पूरा होते ही भूलभुलैया एक बार फिर से पर्यटकों के लिए खोल दिया जाएगा. बता दें कि News18 Local ने 1 जुलाई 2022 को इस मुद्दे को गंभीरता से उठाया था और इस खबर को दिखाया था.
खबर के जरिए बताया था कि जर्जर होने की वजह से यह ऐतिहासिक गैलरी पिछले 4 सालों से बंद पड़ी है, जिसके चलते देश विदेश से जो भी पर्यटक यहां आते थे वे निराश होकर ही जाते थे. इस खबर के चलने के बाद ही पुरातत्व विभाग ने इस मामले को गंभीरता से लेते हुए इसका प्रपोजल बना कर अपने हेड क्वार्टर भेजा था. अब इस प्रपोजल को अप्रूव्ड कर दिया गया है. इसी अगस्त से इसकी मरम्मत का काम शुरू हो जाएगा.
कब क्या हुआ24 जनवरी 2019 को पुरातत्व विभाग ने हुसैनाबाद ट्रस्ट के सचिव को पत्र लिखकर कहा था कि भूलभुलैया की यह गैलरी कमजोर हो गई है. ऐसे में लोगों की आवाजाही कम की जाए ताकि कोई दुर्घटना न हो. वहीं, 30 जनवरी 2019 को अपर जिलाधिकारी संतोष कुमार वैश्य ने जो कि हुसैनाबाद ट्रस्ट के तत्कालीन सचिव थे उन्होंने पुरातत्व विभाग को पत्र लिखकर कहा था कि इसकी मरम्मत जल्द से जल्द कराई जाए, क्योंकि देश विदेश से आ रहे पर्यटकों को दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है.इसके बावजूद पुरातत्व विभाग ने इसकी मरम्मत पर कोई ध्यान नहीं दिया. वहीं 4 फरवरी 2021 को एक बार फिर से अपर नगर मजिस्ट्रेट ने पुरातत्व विभाग को लेटर लिखकर उनसे अनुरोध किया था कि इस गैलरी की मरम्मत जल्द से जल्द कराई जाए, क्योंकि इस ऐतिहासिक गैलरी को देखने से लोग वंचित रह रहे हैं. इस गैलरी की मरम्मत को लेकर पिछले 3 सालों से लगातार दोनों विभागों के बीच कागजी कार्रवाई चल रही थी, लेकिन हकीकत में किसी ने इसकी मरम्मत पर ध्यान नहीं दिया. इसके बाद न्‍यूज़ 18 लोकल की टीम की ओर से 1 जुलाई 2022 को इस मुद्दे को गंभीरता से उठाए जाने के बाद इसकी मरम्मत का काम अब शुरू होने जा रहा है.
यह है इसकी खासियतभूल भुलैया में तीन गैलरियां बनी हुई हैं, जिसमें की पहली गैलरी सबसे ऐतिहासिक गैलरी कहलाती है. इसकी वजह यह है कि इस गैलरी में 163 फीट की दूरी से गाइड के माचिस जलाने और चुटकी बजाने की आवाज दूर पर खड़े पर्यटकों को एकदम करीब से सुनाई देती थी. यह बेहद दिलचस्प गैलरी होने की वजह से देश विदेश से आने वाले पर्यटकों के लिए यह हमेशा से ही आकर्षण का केंद्र बनी रहती थी.
कब और किसने करवाया था निर्माणलखनऊ के नवाब आसफुद्दौला ने बड़े इमामबाड़े को बेहद शानों शौकत से 1775 से 1797 के बीच बनवाया था. इसी इमामबाड़े में भूलभुलैया बनी हुई है. इसे भी अवध के नवाब आसफुद्दौला ने ही बनवाया था. भूलभुलैया के रहस्य को आज तक कोई भी नहीं जान पाया है कि आखिर इस 330 फीट लंबी सुरंग में आवाज कैसे गूंजती है. कहा जाता है कि दीवारों के भी कान होते हैं तो ये बात भूल भुलैया पर एकदम सटीक बैठती है, क्योंकि यहां पर 163 फीट की दूरी से गाइड की हल्की सी सुगबुगाहट पर दूर खड़े पर्यटकों को एकदम करीब से सुनाई देती है. जिससे पता चलता है कि यहां वाकई दीवारों के कान हैं. इसके अलावा यहां हर जगह पर चार रास्ते हैं जिसमें से 3 गलत और एक सही है.15 फीट मोटी दीवारें हैं और ढाई फीट मोटा रास्ता है,एकदम मकड़ी के जाले जैसी बनी हुई है ये भूलभुलैया.
अधिकारी बोले अगस्त से काम शुरू हो जाएगापुरातत्व विभाग के अधीक्षण पुरातत्वविद डॉ. आफताब हुसैन ने बताया कि उनकी ओर से लगातार भूलभुलैया के विकास और इसकी प्रगति पर ध्यान दिया जा रहा है. यही वजह है कि भूलभुलैया की इस ऐतिहासिक गैलरी की मरम्मत का एक प्रपोजल बनाकर हेड क्वार्टर भेजा गया था, जो कि अप्रूव्ड हो गया है. अगस्त महीने से इसकी मरम्मत का काम भी शुरू हो जाएगा. करीब 3 से 4 महीने तक काम पूरा हो जाएगा. इसके बाद एक बार फिर से इसे दर्शकों के लिए खोल दिया जायेगा.

ब्रेकिंग न्यूज़ हिंदी में सबसे पहले पढ़ें News18 हिंदी | आज की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट, पढ़ें सबसे विश्वसनीय हिंदी न्यूज़ वेबसाइट News18 हिंदी |Tags: Lucknow city, Lucknow newsFIRST PUBLISHED : July 22, 2022, 16:58 IST

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