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ऋषभ चौरसिया/लखनऊ:सांस फूलने की समस्या कभी बुजुर्गों को हुआ करती थी. लेकिन अब ये छोटी उम्र के लोगों में भी देखने को मिल जाता है.कई बार तो छोटे बच्‍चे भी इसके चपेट में आ जाते है.जीवन और शरीर की बुनियादी जरूरतों में से सांस लेना एक प्रमुख प्रक्रिया है. बिना इसके हम जीवन की संभावनाओं की कल्पना भी नहीं कर सकते. इसी वजह से, श्वास प्रक्रिया को नियंत्रित करने वाले फेफड़ों की समस्या (Lung Disease), सांस लेने में दिक्कत या सांस फूलना (Shortness of Breath) एक बड़ी और गंभीर स्वास्थ्य समस्या है जो कि जानलेवा साबित हो सकती है.

डॉ. सूर्य कांत, रेस्पिरेटरी मेडिसिन विभाग के अध्यक्ष ने LOCAL 18 से बात करते हुए बताया कि आज के दौर में युवा पीढ़ी को सांस फूलने की समस्या से जूझना आम सा हो गया है. जिनको कोई बीमारी नहीं है उनमें सांस फूलने का मुख्यता दो कारण है. युवाओं में बढ़ता धूम्रपान और बढ़ता प्रदूषण.आज के समय में जो सिगरेट पीता है उसको दिक्कत तो होती है, साथ ही जो अब नवजवानों में हुक्का का क्रेज बढ़ा है वह भी नुकसान कर रहा है.

जंक फूड का सेवनसांस फूलने का एक कारण ये भी है बाजार का तला हुआ और फास्ट फूड का अधिक सेवन करना. फ्रेंच फ्राइज, आलू चिप्स, बर्गर, समोसा आदि में मौजूद ट्रांस फैटी एसिड बुरे कोलेस्ट्रॉल को बढ़ाता है. साथ ही गुड कोलेस्ट्रॉल को कम करता है.जिससे सांस फूलना,हॉर्ट अटैक से लेकर मधुमेह समेत अन्य गंभीर बीमारियों का भी खतरा बढ़ता है.

जीवनशैली में सुधार करने की आवश्यकताअगर आपको कोई गंभीर बीमारी नहीं है और फिर भी सांस फूलने की समस्या हो रही है तो आपको अपनी जीवनशैली में सुधार करने की आवश्यकता है. सांस फूलने की समस्या में राहत पाने या उसे दूर करने के लिए आपको एक्सरसाइज या योगा करना चाहिए. ये एक्सरसाइज और योगा आपके दिल और फेफड़ों को आराम देती हैं और शरीर को पर्याप्त ऑक्सीजन प्रदान करने में मदद करती है.इसके साथ आपको फास्ट फूड बिल्कुल नहीं खाना चाहिए और स्ट्रेस नहीं लेना चाहिए, बल्कि मेडिटेशन करना चाहिए.
.Tags: Health News, Hindi news, Local18, UP newsFIRST PUBLISHED : December 5, 2023, 13:19 IST

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