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वाराणसी. उत्तर प्रदेश के वाराणसी स्थित  काशी हिंदू विश्वविद्यालय यानी बीएचयू के छात्रों का गुस्सा सड़कों पर देखने को मिल रहा है. अलग-अलग मुद्दों को लेकर विश्वविद्यालय का माहौल फिर गर्म है. बीते चार दिनों में पांच मुद्दों को लेकर छात्र आंदोलन कर चुके हैं. इसके अलावा पोस्टर चस्पा कर छात्रों ने 21 दिसंबर को काला दिवस मनाने का ऐलान किया है. माना जा रहा है कि काशी तमिल समागम के एक महीने के आयोजन के बाद अब बीएचयू में फिर से छात्रों के आंदोलनों का समागम होगा. क्योंकि कई अहम मुद्दों को लेकर आंदोलन करने वाले छात्रों को विश्वविद्यालय प्रशासन ने आश्वासन देकर धरना समाप्त करवाया था, लेकिन एक बार फिर उन्ही मुद्दों को लेकर अब छात्रों ने मोर्चा खोल दिया है.बीएचयू के छात्र निर्भय कुमार यादव ने बताया कि पांच मुद्दों को लेकर बीएचयू बचाव संघर्ष समिति ने 21 दिसंबर को काला दिवस मनाया, जिसमें विश्वविद्यालय में बीफ की पढ़ाई को बढ़ावा देने के मुद्दे साथ फीस वृद्धि का मामला और छात्रसंघ बहाली सहित अन्य मुद्दे शामिल हैं.बता दें कि, विश्वविद्यालय में होटल मैनेजमेंट के एक कोर्स की परीक्षा के दौरान बीफ से जुड़े कई सवाल पूछे गए थे जिसको लेकर छात्रों ने विश्वविद्यालय के अधिकारियों से शिकायत कर पश्न पत्र तैयार करने वाले प्रोफेसर पर कार्रवाई की बात कही थी, लेकिन उस मामले में भी कोई कार्रवाई नहीं हुई. हालांकि इस मुद्दे पर विश्वविद्यालय के एपीआरओ ने आधिकारिक बयान जारी कर इसे सही बताया था.वहीं, विश्वविद्यालय में विभिन्न कोर्स में 150 फीसदी से ज्यादा की फीस वृद्धि का मामला था, जिसमें विश्वविद्यालय प्रशासन ने 45 दिन की मोहलत मांगी थी. अक्टूबर महीने से ही यह मामला विश्वविद्यालय में गर्म था. बाद में एक कमेटी बनाकर विश्वविद्यालय प्रशासन ने इस मामले को शांत कराया था, लेकिन फिर छात्र इस मुद्दे पर मुखर दिख रहे हैं.विश्वविद्यालय में इन तमाम मुद्दों पर छात्रों के आंदोलन से एक बार फिर यहां का माहौल गर्म हो सकता है. देखने वाली बात होगी कि विश्वविद्यालय कैसे छात्रों के इन मुद्दों का हल निकालता है.ब्रेकिंग न्यूज़ हिंदी में सबसे पहले पढ़ें News18 हिंदी| आज की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट, पढ़ें सबसे विश्वसनीय हिंदी न्यूज़ वेबसाइट News18 हिंदी|FIRST PUBLISHED : December 21, 2022, 18:45 IST

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