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हाइलाइट्सप्रो बोनो क्लब देश के टॉप लॉ कॉलेज और नेशनल लॉ यूनिवर्सिटी में ही बनता है. इसके लिए लॉ कॉलेज भारत सरकार के कानून मंत्रालय के पास आवेदन भेजते हैं. कई चरणों के वेरिफिकेशन और गुणवत्ता परखने के बाद सरकार यह क्लब देती है. क्लब का मकसद न्याय के प्रति जागरूकता फैलाना, मुफ्त न्यायिक सलाह देना है.रिपोर्ट : अखंड प्रताप सिंह
कानपुर. कानपुर विश्वविद्यालय के नाम एक और कीर्तिमान जुड़ गया है. विश्वविद्यालय के अटल बिहारी स्कूल ऑफ लीगल साइंस को भारत सरकार के कानून मंत्रालय की ओर से प्रो बोनो क्लब मिला है. बता दें यह क्लब सिर्फ टॉप लॉ कॉलेज को ही मिलता है. विश्वविद्यालय के लिए यह गर्व की बात है कि वह प्रदेश का पहला सरकारी विश्वविद्यालय है, जिसे यह क्लब मिला. इसके पहले प्रदेश में नेशनल लॉ यूनिवर्सिटी राम मनोहर लोहिया को यह क्लब मिला हुआ था.
इस क्लब के जरिए लोगों को कानून के प्रति जागरूक किया जाएगा. इसके साथ ही जो लोग किसी भी तरह का न्यायिक परामर्श चाहेंगे उन्हें वह निःशुल्क दिया जाएगा. इस प्रो बोनो क्लब का नोडल अधिकारी अटल बिहारी बाजपेई स्कूल ऑफ लीगल स्टडीज के सहायक प्रोफेसर स्मृति राय को बनाया गया है. उन्होंने बताया कि इस क्लब के माध्यम से जो बच्चे कॉलेज में पढ़ रहे हैं वे बोनो क्लब एसोसिएट होंगे और वही लोगों को न्यायिक परामर्श देंगे. इसके साथ ही जो बच्चे यहां से पढ़कर निकले हैं. वे भी लोगों को निःशुल्क न्यायिक सलाह देंगे. जिन लोगों के पास केस लड़ने के लिए वकील नहीं होगा, यह क्लब उन्हें वही मुहैया कराए जाएंगे.
जानिए क्या होता है प्रो बोनो क्लब

प्रो बोनो क्लब देश के टॉप लॉ कॉलेज और नेशनल लॉ यूनिवर्सिटी में ही बनता है. इसके लिए लॉ कॉलेज भारत सरकार के कानून मंत्रालय को आवेदन करते हैं. जिसके बाद कई चरणों के वेरिफिकेशन और गुणवत्ता को देखते हुए यह क्लब सरकार द्वारा दिया जाता है. यह क्लब एक योजना है जिसके तहत लोगों को न्याय के बारे में जागरूक करना और लोगों को मुफ्त में न्यायिक सलाह प्रदान करना मुख्य उद्देश्य है. यह न सिर्फ शहरी क्षेत्रों तक सीमित है बल्कि इस क्लब के जरिए लोग न्याय का विस्तार ग्रामीण इलाकों में भी करेंगे. इसके साथ ही कानून के सामाजिक और व्यावहारिक पहलुओं को लोगों तक तरह-तरह के माध्यमों से पहुंचाएंगे.
न्याय बंधु ऐप से पा सकते हैं निःशुल्क परामर्श

बता दें कि आप न्याय बंधु ऐप से भी निःशुल्क न्यायिक परामर्श प्राप्त कर सकते हैं. भारत सरकार द्वारा लोगों को न्याय के प्रति जागरूक करने और निःशुल्क न्यायिक परामर्श देने के लिए इसकी शुरुआत की गई है. इस क्लब के जरिए ही न्याय बंधुओं को भी जोड़ा गया है, जिनके जरिए भारत का कोई भी निवासी इस ऐप में जाकर अपना डिटेल भरकर निःशुल्क न्यायिक परामर्श और अपने लिए कोर्ट में निःशुल्क एडवोकेट प्राप्त कर सकता है. इसके लिए उसे किसी भी प्रकार का कोई शुल्क नहीं देना होगा. सिर्फ कोर्ट के डॉक्यूमेंट में जो खर्चे आएंगे, वह आपको देना होगा.ब्रेकिंग न्यूज़ हिंदी में सबसे पहले पढ़ें News18 हिंदी| आज की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट, पढ़ें सबसे विश्वसनीय हिंदी न्यूज़ वेबसाइट News18 हिंदी|Tags: Kanpur news, UP newsFIRST PUBLISHED : October 03, 2022, 17:42 IST

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