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सृजित अवस्थी/ पीलीभीत: हनी बेजर जिसे आम बोल चाल की भाषा में कब्र बिज्जू कहा जाता है. अपने आप में काफी दुर्लभ जीव माना जाता है. पीलीभीत में अक्सर कब्र बिज्जू को देखा जाता है. वैसे तो इस दुर्लभ वन्यजीव की तमाम खासियत है लेकिन फिर भी लोग कब्र बिज्जू को केवल इससे जुड़ी भ्रांतियों को लेकर जानते हैं. भ्रांति है कि कब्र बिज्जू कब्रें खोद कर मुर्दों को खाता है.

हनी बेजर को आम बोलचाल की भाषा में बिज्जू या फिर कब्र बिज्जू बोला जाता है. इस दुर्लभ वन्यजीव का नाम गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में बतौर “मोस्ट फियरलेस क्रीचर” दर्ज है. माना जाता है कि यह निडर होने के साथ ही साथ काफी खूंखार और बुद्धिमान भी होता है. इसके नुकीले दांत और नाखून इसे और अधिक खूंखार बनाते हैं. बीते कुछ सालों में इसकी संख्या में तेजी से गिरावट दर्ज की गई है. ऐसे में इस विलुप्त वन्यजीव की श्रेणी में रख संरक्षित किया जा रहा है. लेकिन जैव विविधता के लिए विश्व प्रसिद्ध पीलीभीत टाइगर रिजर्व में हनी बेजर अक्सर देखे जाते हैं.

इस कारण होता है कब्र बिज्जू का शिकारआपने हनी बेजर का ज़िक्र कब्र बिज्जू के नाम से सुना होगा. इसको लेकर भ्रांति है कि यह कब्र खोद कर मुर्दा निकाल कर खाता है. इसकी हकीकत जानने के लिए LOCAL 18 ने पीलीभीत के वन व वन्यजीवों को तकरीबन 3 दशक से कवर कर रहे वरिष्ठ पत्रकार डॉ. अमिताभ अग्निहोत्री से बातचीत की. जिसमें इस भ्रान्ति की हकीकत सामने आई. डॉ. अमिताभ बताते हैं कि एक समय में पीलीभीत में जगह-जगह हनी बेजर स्पॉट किया जाता था. लेकिन धीरे-धीरे यह नजर आना कम हो गया. इसके पीछे का सबसे बड़ा कारण है इसका शिकार प्रमुख तौर पर अंधविश्वास व शक्तिवर्धक दवाओं इत्यादि के लिए किया जाता है.

योजनाबद्ध तरीके से फैलाई गई भ्रांतिडॉ. अमिताभ बताते हैं कि इसका आसानी से शिकार किया जा सके इसलिए योजनाबद्ध तरीके से हनी बेजर के हिंदी नाम बिज्जू के साथ कब्र को जोड़ा गया. साथ ही यह भ्रांति फैलाई गई कि बिज्जू कब्र में से मुर्दे खोद कर खा लेता है. क्योंकि यह रहने के लिए कई बार अपने नुकीले नाखूनों से गड्ढे खोदता है तो ऐसे में इन झूठी कहानियों पर लोगों ने आसानी से यकीन कर लिया. जबकि आज तक इस बात का कोई भी पुख्ता सबूत सामने नहीं आया है. हर वन्यजीव को प्रकृति ने कुछ न कुछ अहम भूमिका निभाने के लिए बनाया है. ऐसे में हर वन्यजीव वन संरक्षण के लिहाज से अहम है. हमारा फर्ज है वन्यजीवों से जुड़ी तमाम भ्रांतियों का खंडन करना चाहिए.
.Tags: Local18, Pilibhit news, Uttar Pradesh News HindiFIRST PUBLISHED : April 26, 2024, 20:24 IST

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