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आदित्य कृष्ण/अमेठी: ख्वाइशों से नहीं गिरते फूल झोली में अपनी कर्म की साख को खुद ही हिलाना पड़ता है. अंधेरे को कोसने से कुछ नहीं होगा अपने हिस्से का दिया खुद ही जलाना पड़ता है….. कुछ ऐसी ही कहानी है एक पिता और उसकी होनहार बेटी की. जी हां रिटायर्ड फौजी और उसकी बेटी अब एक साथ राजस्व विभाग की जिम्मेदारी संभालेंगे. दोनों का लेखपाल पद पर चयन हुआ है. वहीं पिता-पुत्री को एक साथ मिली सफलता का श्रेय अब पूरे क्षेत्र में चर्चा का विषय बना है और अब हर कोई इस काबिलियत की तारीफ कर रहा है.

दरअसल, यूपी के सुल्तानपुर जिले में का एक परिवार सुर्खियों में है, दरअसल, घर में पिता और बेटी का एक साथ लेखपाल की परीक्षा को उत्तीर्ण किया है. जिले के बल्दीराय तहसील अंतर्गत उमरा पूरे जवाहर तिवारी गांव के रहने वाले रविंद्र त्रिपाठी 52 साल के है. वहीं उनके के साथ-साथ इस सफलता प्राप्त करने वाली उनकी बेटी प्रिया त्रिपाठी 20 वर्ष की है. पिता ने 5 जनवरी 1991 में बतौर सुबेदार पर आर्मी ज्वाइन कर 31 जनवरी तक देश की सेवा की. वहीं उनकी होनहार बेटी प्रिया ने लखनऊ विश्वविद्यालय से बीएससी डीएड की पढ़ाई पूरी की है. आपको बता दें कि पिता पुत्री ने वर्ष 20-21 में एक साथ लेखपाल पद के लिए आवेदन किया था.

मेहनत करने पर जरूर मिलेगी सफलता

लेखपाल के पद पर चयन होने के बाद पिता-पुत्री एक दूसरे को इसका श्रेय दे रहे हैं. रविंद्र त्रिपाठी ने बताया कि मैंने 30 साल तक नौकरी की फिर हम सेवानिवृत हो गए. मुझे मेरे पिता ने प्रेरणा दी कि कितनी भर्तियां निकलती रहती हैं और आप उसमें अपना आवेदन करें. मैंने उनसे प्रेरणा ली और अपनी तैयारी करनी शुरू कर दी. मेरा रुझान बैंक सेक्टर में जाने की तरफ था लेकिन जब लेखपाल की भर्ती आई तो मैं इसी में अपना आवेदन कर दिया. दिन-रात पढ़ाई की पिता का पूरा सहयोग मिला और उन्हें सब की वजह से आज मैं इस लायक बना हूं मुझे यह नौकरी मिली है. मैं सबको यह संदेश देना चाहता हूं कि जीवन में नौकरी को प्राथमिकता दें और मेहनत करने पर सफलता जरूर मिलेगी.

पिता-बेटी एक साथ बने लेखपाल

वहीं अपने पिता के साथ लेखपाल के पद पर चयन हुई होनहार प्रिया त्रिपाठी ने कहा कि मेरे पिता आर्मी में है और सबसे बड़ी प्रेरणा मेरे लिए वही है क्योंकि मैंने जितने भी परीक्षा के लिए अपने आवेदन दर्ज किया सब में हमारे पिताजी ने भी वह आवेदन दर्ज किया. हमारे साथ-साथ उन्होंने परीक्षाएं दी. हमारी कुछ परीक्षाएं पूरी नहीं हो पाई और हम उसमें सफल नहीं हुई,लेकिन पिताजी ने हर एक परीक्षा को पास किया तो मेरे लिए सबसे बड़ी प्रेरणा तो वही है.

नए साल पर मिला बड़ा तोहफा

प्रिया त्रिपाठी बताती है कि उन्होंने शुरुआती पढ़ाई आर्मी स्कूल से की. उसके बाद उन्होंने अपना ग्रेजुएशन लखनऊ विश्वविद्यालय से पूरा किया और वहीं पर उन्होंने डीएड भी क्वालीफाई किया. उन्होंने बताया कि मैंने एसएससी, टेट सहित विभिन्न प्रतियोगी परीक्षाओं में प्रतिभाग किया. लेकिन मुझे वहां सफलता नहीं मिली, लेकिन उसके बाद भी मैंने  हार नहीं मानी और अब नए साल पर कहीं ना कहीं मुझे एक बड़ा तोहफा मिला है. मेरा लेखपाल का मेंस एग्जाम क्लियर हुआ है और मुझे सफलता मिली है, तो इससे बड़ा तोहफा मेरे लिए कुछ नहीं हो सकता. मैं सबको ही संदेश देना चाहती हूं कि जीवन में सफल होने के लिए मेहनत जरुरी है और बिना मेहनत के सफलता नहीं मिलेगी.

.Tags: Hindi news, Local18, Success Story, UP newsFIRST PUBLISHED : January 5, 2024, 08:28 IST

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