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हाइलाइट्स पानी में पेचिश वाला बैक्‍टीरिया ई कोलाई पाया गयाजुलाई माह में 91 पानी के सैंपल लिए गएजांच में 37 सैंपल फेल पाए गएगाजियाबाद. शहर में 40 फीसदी से अधिक पानी (drinking water) पीने योग्‍य नहीं है. गाजियाबाद स्‍वास्‍थ्‍य विभाग (Ghaziabad Health Department) द्वारा लिए गए सैंपलों की जांच करने पर पानी में पेचिश वाला ई-कोलाई बैक्टीरिया (E-coli bacteria) मिला है. इनमें इंदिरापुरम, वसुंधरा जैसी पॉश कॉलोनियों से लेकर पुराने शहर के घनी आबादी वाले इलाके भी शामिल हैं. सरकारी अस्‍पताल के डॉक्‍टर ने स्‍वीकारा कि मौजूदा समय ओपीडी में जल जनित बीमारियों के मरीज अधिक आ रहे हैं. वहीं, गाजियाबाद डीएम (DM Ghaziabad) और गाजियाबाद विकास प्राधिकरण के वीसी राकेश कुमार सिंह ने कहा कि जिन इलाकों का पानी जांच में फेल पाया गया है, वहां की पाइप लाइनों की जांच कराई जाएगी.
गाजियाबाद स्‍वास्‍थ्‍य विभाग ने जुलाई माह में शहर के 91 अलग-अलग इलाकों से जांच के लिए पानी का सैंपल लिया था. इसकी जांच रिपोर्ट चौंकाने वाली आयी है. 37 स्‍थानों का पानी जांच में फेल पाया गया है. 37 सैंपलों में पेचिश वाला बैक्‍टीरिया ई कोलाई पाया गया है. दूषित पानी का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि पॉश कालोनी इंदिरापुरम के पांच नमूने फेल पाए गए हैं. इंदिरापुरम अभी गाजियाबाद नगर निगम को हैंडओवर नहीं हुआ है, यहां पर पानी की सप्‍लाई गाजियाबाद विकास प्राधिकरण द्वारा की जा रही है.
बोतलबंद पानी में मिला बैक्‍टीरिया
इंदिरापुरम में पानी में टीडीएस की मात्रा बहुत अधिक है. इस वजह से लोग बोतल बंद पानी पीते हैं, यहां पर खोड़ा और विजयनगर से बोतलबंद पानी सप्‍लाई होता है. जांच में यहां के वाटर प्‍लांट का पानी भी फेल हो पाया गया. यानी यह पानी बीमार कर सकता है. गाजियाबाद फेडरेशन ऑफ अपार्टमेंट ओनर्स एसोसिएशन के संस्‍थापक आलोक कुमार बताते हैं पूर्व में पानी में टीडीएस की मात्रा की जांच कराई गयी थी, इसकी मात्रा 2500 से 3000 के बीच पायी गयी थी. इस वजह से तमाम लोग नहाने से लेकर बर्तन धोने के लिए आरओ के पानी का इस्‍तेमाल करते हैं. उन्‍होंने बताया कि इस संबंध में कई बार संबंधित विभाग से शिकायत की जा चुकी है, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई है.
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जल जनित बीमारियों के मरीज बढ़े
एमएमजी अस्‍पताल के वरिष्‍ठ फिजीशियन डा. आरपी सिंह का कहना है कि बारिश के मौमस में जल जनित बीमारी के मरीजों की संख्‍या अधिक होती है.मौजूदा समय इस तरह के मरीजों की संख्‍या बढ़ी है. दूषित पानी पीने से उल्‍टी, दस्‍त, पीलिया और त्‍वचा संबंधी बीमारी हो सकती है.ये भी पढ़ें: गाजियाबाद में खुले में कूड़ा डालना पड़ सकता है भारी, निगम की निगरानी टीम इस तरह रखेगी नजर
प्रशासन को रिपोर्ट सौंपी गयी
गाजियाबाद के सीएमओ डा. भवतोष शंखधार ने बताया कि जनवरी से लेकर जुलाई तक 455 स्‍थानों पर पानी की जांच की जा चुकी है. इनमें से 138 स्‍थानों का पानी दूषित पाया गया है. केवल जुलाई माह में 91 स्‍थानों से पानी का सैंपल लिया गया, जिनमें 37 स्‍थानों का पानी फेल पाया गया है. रिपोर्ट प्रशासन को सौंप दी गयी है.
पाइप लाइन की मरम्‍मत कराकर समस्‍या दूरी की जाएगी
गाजियाबाद के डीएम और गाजियाबाद विकास प्राधिकरण के वीसी राकेश कुमार सिंह ने कहा कि बारिश के मौमस में पानी की जांच बढ़ा दी गयी है, जिससे दूषित पानी सप्‍लाई होने का पता चल सके. बीमारी फैलने से अच्‍छा है कि पहले ही उसका पता लगाकर समस्‍या दूर की जा सके. जिन इलाकों में जांच में दूषित पानी मिला है, वहां की पाइप लाइन की जांच कराई जाएगी और जरूरत पड़ने पर मरम्‍मत कराकर साफ पानी उपलब्‍ध कराया जाएगा.
इन इलाकों का पानी जांच में फेल
जयपुरिया सनराइज ग्रीन इंदिरापुरममहागुन फेज-2 वैभव खंडइंदिरापुरम आम्रपाली विलेज ज्ञान खंड, इंदिरापुरमशिखर एंक्लेव, वसुंधराटेक्सला फूड, राजेंद्र नगरकमल सिंह पानी का प्लांट, शास्‍त्री नगरस्वर्णजयंतीपुरमराजेश पानी का प्लांट, विजय नगरकालू पानी का प्लांट, मिर्जापुरवीर पानी का प्लांट, सुदामापुरीओम पानी का प्लांट लोनीशुद्ध पानी का प्लांट, खोड़ापहलवान पानी का प्लांट, आदर्श नगरनंदग्राम के बी ब्लॉक और आदर्शब्रेकिंग न्यूज़ हिंदी में सबसे पहले पढ़ें News18 हिंदी | आज की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट, पढ़ें सबसे विश्वसनीय हिंदी न्यूज़ वेबसाइट News18 हिंदी |Tags: Ghaziabad News, Uttar pradesh news, WaterFIRST PUBLISHED : August 09, 2022, 20:55 IST

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