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विशाल झा/गाजियाबाद : दुनिया के जलवायु परिवर्तन और जलवायु संकट के लिए प्लास्टिक को भी सबसे अहम माना जाता है. आमतौर पर छोटे से बड़ी वस्तुओं को खरीदने के लिए प्लास्टिक का चलन काफी आम है. घर के लिए सब्जी लेनी हो या ऑफिस के लिए लैपटॉप दोनों में ही प्लास्टिक की जरूरत पड़ती है.लेकिन इस्तेमाल होने के बाद प्लास्टिक को फेंक दिया जाता है. क्योंकि ऐसा समझा जाता है कि अब इसकी कोई कीमत नहीं और अब इसका कुछ इस्तेमाल नहीं हो सकता. लेकिन

गाजियाबाद के सरफराज और साक्षी ने मिलकर इसी सोच को झुठला दिया है. सरफराज और साक्षी पिछले कई वर्षों से प्लास्टिक वेस्ट के द्वारा अद्भुत वस्तुओं का निर्माण कर रहे है. यह ऐसी वस्तु है जिन्होंने उत्तर प्रदेश के कई जिलों की तस्वीर बदली है.चाहे नोएडा में वेस्ट मटेरियल से बना दुनिया का सबसे बड़ा चरखा हो, गाजियाबाद में वेस्ट मटेरियल से बना दुनिया का सबसे बड़ा कीबोर्ड, कानपुर में वेस्ट मटेरियल से बना वर्ल्ड लार्जेस्ट लूडो, या फिर मेरठ के कबाड़ से जुगाड़ अभियान में प्लास्टिक वेस्ट से शहर की सुंदरता बढ़ाना हो. इन सभी प्रोजेक्ट में न केवल उन जिलों की सुंदरता बढ़ी बल्कि प्रधानमंत्री मोदी और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इन अभियान की सराहना भी की.


शादी के वेस्ट से आया था आईडियासाक्षी झा ने News 18 Local को बताया कि हम आर्टिस्ट है तो प्लास्टिक वेस्ट को एक अलग रूप से सजा रहे है. नॉएडा, लखनऊ, कानपुर, बरेली,मेरठ या गाजियाबाद हो इन सभी में हमने कुछ ना कुछ बनाया है. प्लास्टिक से ऐसी चीजें बनाने का आईडियावर्ष 2017 में आया था. जब हम दोनों वेडिंग प्लानर थे. तब हमने ये देखा की शादियों में काफी प्लास्टिक वेस्ट दिखता था. तब वही से इसके बारे में सोचा गया.

त्योहारों पर भी रहती है मांगसाक्षी ने बताया जिलों की सुंदरता बढ़ाने के अलावात्योहारों पर हम लोग लैंप, लाइट और होम डेकोरेटिव मटेरियल भी वेस्ट प्लास्टिक से बनाते है. ये वस्तु देखने में अट्रैक्टिव भी होती है और इनकी कीमत बाजार में मिलने वाली लैंप से कम भी होती है. लोगों को इन वस्तुओं के करण प्लास्टिक वेस्ट की अहमियत भी समझने को मिलती है.
.Tags: Ghaziabad News, Local18, Uttar pradesh newsFIRST PUBLISHED : October 11, 2023, 18:47 IST

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