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अभिषेक जायसवाल/वाराणसी. शक्ति उपासना के महापर्व शारदीय नवरात्र में देवी आराधना का महत्व है. नवरात्रि के नौ दिनों में देवी के नौ अलग-अलग स्वरूप के दर्शन का विधान है. प्रतिपदा तिथि को कलश स्थापना से पूजा की शुरुआत होती है. इस दिन लोग घरों में कलश स्थापित कर देवी का आह्वान करते है और फिर नौ दिनों तक उनकी पूजा की जाती है. आइये जानते है काशी के ज्योतिषाचार्य स्वामी कन्हैया महाराज से घर में कलश स्थापना की आसान विधि क्या है.

काशी के विद्वान स्वामी कन्हैया महाराज ने बताया कि नवरात्र में कलश स्थापना से देवी प्रसन्न होती है. कलश स्थापना के लिए मिट्टी का घड़ा,जौ,गंगा की शुद्ध माटी,नारियल, कलावा,लाल चुनरी,गंगा या किसी पवित्र नदी का जल,सुपारी,अक्षत, दीये और घी ये जरूरी सामान है.

ऐसे करें कलश स्थापनाइस दिन ब्रह्म मुहूर्त या शुभ समय में प्रथम पूज्य भगवान गणेश का ध्यान करने के बाद देवी दुर्गा का स्मरण करना चाहिए. इसके बाद मिट्टी से जमीन पर गोल आकृति बनाकर और उसपर जौ छिड़कर कलश रखना चाहिए. मिट्टी के कलश पर स्वास्तिक के निशान बनाकर उसमे कलावा जरूर बांधना चाहिए. उसके बाद सात तरह के अनाज, धातु को कलश में डालकर उसमे गंगा जल भरकर उसे स्थापित करना चाहिए. इसके बाद नारियल पर कलावा के जरिए सिक्का बांधकर उसे कलश पर रखकर लाल चुनरी पहनानी चाहिए. इस नारियल यानी श्रीफल को ही देवी का स्वरूप माना जाता है.

अंखड दीप है जरूरीइसके बाद दिये में अखंड दीप जलाना चाहिए और फिर धूप अगरबत्ती से उनकी पूजा करनी चाहिए.पूरे नौ दिनों तक देवी के पूजा का ये क्रम अनवरत चलना चाहिए. ऐसी मान्यता है कि इसके देवी प्रसन्न होती है और भक्तों की सभी मुरादें पूरी करती है.

(नोट:यह खबर धार्मिक मान्यताओं और ज्योतिषाशास्त्र पर आधारित है. News 18 इसके सत्यता की पुष्टि नहीं करता हैं.)
.Tags: Durga Pooja, Local18FIRST PUBLISHED : October 11, 2023, 17:07 IST

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