[ad_1]

कृष्ण गोपाल द्विवेदी/बस्ती: कौन कहता है आसमान में सुराख नहीं होता एक पत्थर तो तबीयत से उछालो यारों… इन पंक्तियों को चरितार्थ किया है बस्ती के विनोद ने, जिन्होंने अपने जज्बे के आगे अपनी शारीरिक अक्षमता को आड़े न लाते हुए खेती किसानी शुरु की और आज एक पैर पर चलकर वो मशरुम की खेती कर लाखों कमा रहा है.

हम बात कर रहे हैं बस्ती जनपद के कप्तानगंज ब्लॉक के भोपालपुर गांव निवासी विनोद कुमार की, एक पैर से विकलांग विनोद कुमार ने बीएड करने के बाद सरकारी नौकरी की तैयारी शुरू की लेकिन उनको कामयाबी नहीं मिल सका. फिर उन्होंने प्राईवेट स्कूल में पढ़ाना शुरू किया. जहां उनको इतने कम पैसे मिलते थे कि उससे उनका और उनके परिवार का भरण पोषण ही नहीं हो पाता था. लिहाजा थक हार कर शारीरिक अक्षमता को दरकिनार कर उन्होंने खेती किसानी शुरु की और आज मशरूम की खेती कर न सिर्फ वो आत्मनिर्भर बन गए हैं जबकि लाखों रुपए सालाना फायदा भी कमा रहे हैं.

सूद पर पैसे लेकर शुरू की खेती

विनोद कुमार ने बताया कि विकलांगता की वजह से खेती करने में दिक्कत तो बहुत आती है, लेकिन घर परिवार चलाना है तो मेहनत तो करनी ही पड़ेगी. साथ ही उन्होंने बताया कि मशरूम की खेती करने के लिए मैंने लोन के लिए सभी सरकारी ऑफिसों का चक्कर लगाया, लेकिन कहीं से मुझे कोई मदद नहीं मिली, थक हार कर मैंने सूद पर पैसे लेकर मशरूम की खेती शुरू की. सारी बारीकियां समझ लेने के बाद उन्होंने इस खेती में हाथ डाला. आज वह और उनका मशरूम पूरे बस्ती में फेमस हो चुका है.

मशरूम की खेती से बदली विनोद की किस्‍मत

विनोद कुमार ने कहा कि हम लोग मशरूम को अगस्त सितम्बर माह में लगा देते हैं जो मार्च तक चलता रहता है. हॉलनुमा घर बनाकर मशरूम की खेती कर रहे हैं. साथ ही अगर बाजार में जाकर मशरुम बेचते हैं तो 90-100 रुपए प्रति किलो बिकता है जबकि जो लोग खेत में आकर खरीदते हैं वो 70-80 रुपए ही देते हैं. उन्होंने गुणवत्ता को अपना मंत्र बनाया हुआ है. वह कभी भी इससे समझौता नहीं करते. यही वजह है कि उनके पास आर्डर की कोई कमी नहीं है. उनके मशरूम की डिमांड बढ़ती ही जा रही है. अब वह हर साल लाखों रुपये का मशरूम का बिजनेस कर रहा है.
.Tags: Hindi news, Local18, Success Story, UP newsFIRST PUBLISHED : December 3, 2023, 11:22 IST

[ad_2]

Source link