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शाश्वत सिंह/झांसी. हॉकी के जादूगर मेजर ध्यानचंद की पूरी दुनिया दीवानी है. हर कोई उनके हुनर का कायल है. झांसी में भी उनका एक ऐसा ही जबरा फैन है. यह फैन दद्दा ध्यानचंद को इस तरह पसंद करता है कि उसने अपने तीनों बेटों को हॉकी का खिलाड़ी ही बना दिया. आज उनके तीनों बेटे राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय स्तर के हॉकी के खिलाड़ी हैं. झांसी के रहने वाले केशवानंद कुशवाहा पेशे से एक भजन गायक हैं. अलग-अलग मंदिरों और कार्यक्रमों में जाकर भजन गाते हैं. इसी से उनका घर चलता है.केशवानंद कुशवाहा ने लोकल 18 से खास बातचीत में बताया कि वह बचपन से ही दद्दा ध्यानचंद के फैन थे. वह ध्यानचंद के पुत्र अशोक ध्यानचंद और अन्य ओलंपियन खिलाड़ियों को भी खेलते देखते थे. इसके बाद उन्होंने अपने बड़े बेटे ऋषभ आनंद को 5 साल के उम्र से ही हॉकी की प्रैक्टिस के लिए भेज दिया. उसके बाद उनके अन्य दो बेटे शिवम और सौरभ भी हॉकी खेलने लगे. केशवानंद ने बताया कि एक समय ऐसा भी था जब उनके पास बच्चों के लिए किट खरीदने तक के पैसे नहीं थे. कई बार तो परिस्थितियों ऐसी हुई कि उन्हें अलग-अलग प्रकार के छोटे-मोटे काम करने पड़े ताकि पैसे इकट्ठा हो सके.पासपोर्ट के लिए भजन गाकर जुटाए पैसेकेशवानंद ने बताया कि एक बार सौरभ और शिवम का चयन अंतरराष्ट्रीय मैच के लिए हो गया था. लेकिन, पैसे की कमी की वजह से उनके बच्चों का पासपोर्ट नहीं बन पा रहा था. ऐसे समय में उनके रिश्तेदारों ने भी साथ देने से मना कर दिया. बहुत मुश्किल से अलग-अलग जगह भजन गाकर उन्होंने पैसा जुटाया. लेकिन, हॉकी और ध्यानचंद से लगाव इतना गहरा था की उन्होंने हार नहीं मानी. कुछ चमत्कार हुआ और पैसों का इंतजाम हो गया. इसके बाद दोनों बेटे अंतरराष्ट्रीय मैच खेलने के लिए गए.जरूरतमंद खिलाड़ियों की ऐसे करते हैं मददकेशवानंद कुशवाहा कहते हैं कि वह आजीवन हॉकी और मेजर ध्यानचंद के प्रति समर्पित रहेंगे. हॉकी के खिलाड़ियों को बढ़ावा देने के लिए और उन्हें सस्ते दाम पर किट उपलब्ध करवाने के लिए एक दुकान भी शुरू कर दी है. यहां हॉकी के खिलाड़ियों को बेहद सस्ते दाम पर किट मिल जाता है. वह कहते हैं कि खिलाड़ियों को संघर्ष तो करना पड़ेगा लेकिन पैसे की कमी की वजह से किसी को कितना मिले ऐसा नहीं होगा इस बात का वह ध्यान रखेंगे..FIRST PUBLISHED : August 26, 2023, 23:43 IST

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