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धीरेंद्र शुक्ला/चित्रकूटः मान्यताओं के अनुसार, गोस्वामी तुलसीदास ने देश के विभिन्न तीर्थों में घूम-घूम कर रामचरित मानस को लिखा. दावा किया जाता है कि तुलसीदास के हस्तलिखित रामचरित मानस का अयोध्या कांड आज भी चित्रकूट में मौजूद है. यह पांडुलिपि राजापुर के मानस मंदिर में सुरक्षित है.तुलसी बाबा की इस धरोहर की रक्षा उनके शिष्य और खुद को वंशज बताने वाले मानस मंदिर के महंत रामाश्रय त्रिपाठी कर रहे हैं. महंत रामाश्रय बताते हैं कि भारत में गोस्वामी तुलसीदास हर धार्मिक स्थलों में घूम-घूम कर रामचरित मानस के हर कांड को लिखा है.दावा किया कि चित्रकूट के राजापुर में तुलसीदास के हस्तलिखित रामचरितमानस का अयोध्या कांड पांडुलिपि के रूप में आज भी मौजूद है. जिसको देश-विदेश के लोग पहुंचकर देखते हैं. श्रद्धालु यहां गोस्वामी तुलसीदास की हस्तलिखित रामचरित मानस को देखते और पढ़ते भी हैं.ऐसी पहचान और कहां?महंत ने दावा किया कि ऐसी पहचान शायद भारत में कम ही जगह पर होगी, जहां पर तुलसीदास द्वारा लिखित रामचरित मानस के कांड आपको देखने को मिल जाएंगे. बताया कि आप यहां पर न सिर्फ हस्तलिखित अयोध्या कांड को देख सकते हैं, बल्कि उसको पढ़ भी सकते हैं. चित्रकूट में आज भी प्रभु राम और बाबा तुलसी से जुड़ी घटनाएं मानों जीवंत हैं. बताया कि रामघाट पर ही बाबा तुलसी को प्रभु राम और लक्ष्मण के दर्शन हुए थे..FIRST PUBLISHED : June 29, 2023, 20:16 IST

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