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रिपोर्ट- अखिलेश कुमार सोनकर

चित्रकूट. यूपी के चित्रकूट जिला अस्पताल में 9 महीने की बच्ची को एक्सपायरी डेट का इंजेक्शन लगाने से बच्ची की मौत हो गई. मृतक बच्ची के परिजनों ने डॉक्टरों पर लापरवाही का आरोप लगाया है, साथ ही जमकर जिला अस्पताल में हंगामा काटा है. जिसके बाद घटना का संज्ञान लेकर सीएमएस ने ड्यूटी में तैनात फार्मासिस्ट वार्ड बॉय और स्टाफ नर्स को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया है.

आपको बता दें कि शहर के शंकरगंज मोहल्ले के रहने वाले धनेश श्रीवास्तव अपनी 9 माह की बेटी को सर्दी जुखाम होने पर उसे जिला अस्पताल में इलाज के लिए भर्ती कराया था. जहां डॉक्टर एचसी अग्रवाल द्वारा उसका इलाज किया जा रहा था. बच्ची की हालत सही होने पर परिजन उसको रात में घर ले गए और सुबह फिर उसका इलाज कराने के लिए जिला अस्पताल लाए थे. जहां ओपीडी में तैनात डॉक्टर संतोष कुमार ने बच्ची की फाइल देखकर उसका ट्रीटमेंट शुरू कर दिया. जिसके बाद वार्ड ब्वाय ने एमोक्सी क्लीन नाम की एंटीबायोटिक दवा जो 8 महीने का एक्सपायरी डेट का इंजेक्शन लगा दिया. जिसके बाद बच्ची की हालत बिगड़ने लगी और कुछ ही देर में बच्ची की तड़प तड़प कर दर्दनाक मौत हो गई.

हर संभव मदद करने का आश्वासनघटना के बाद परिजनों में कोहराम मच गया. सूचना के बाद मौके पर पहुंची पुलिस ने परिजनों को समझाया. जिसके बाद सदर विधायक अनिल प्रधान और भाजपा जिला अध्यक्ष चंद्र प्रकाश खरे सहित तमाम जनप्रतिनिधि जिला अस्पताल पहुंचे. जहां परिजनों को हर संभव मदद करने का आश्वासन दिया है. वहीं, सीएमएस ने घटना का संज्ञान लेते हुए तत्काल फार्मासिस्ट धर्मेंद्र मिश्रा,स्टाफ नर्स कुलदीप कुमार और वार्ड ब्वाय अवधेश को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया.

जांच के लिए टीम गठितमामले में टीम गठित कर जांच के बाद डॉक्टर के खिलाफ कार्रवाई करने की भी बात कही है. वहीं ड्यूटी में तैनात डॉक्टर संतोष कुमार का कहना है कि बच्चे का इलाज दूसरे डॉक्टर कर रहे थे और परिजन रात में उसे घर भी ले गए थे. सुबह आने पर उन्होंने उनकी फाइल देखकर ट्रीटमेंट करने के निर्देश दिए थे. जो फाइल में दवा लिखी थी. जिस पर वार्ड बॉय ने इंजेक्शन लगा दिया है. जिसके बाद कोई अन्य दवा रिएक्शन करने की वजह से उसकी मौत हुई है. लेकिन जो परिजन आरोप लगा रहे हैं कि एक्सपायरी डेट का इंजेक्शन लगा है वह गलत है.

सीएमएस खुद नदारदइस मामले में सदर विधायक प्रधान का कहना है कि जिला अस्पताल में लगातार घटनाएं घट रही है. बावजूद इसके डॉक्टर लापरवाह बने हैं. यहां तक कि जिला अस्पताल के सीएमएस खुद नदारद रहते हैं. ऐसे में बच्ची को एक्सपायरी डेट का इंजेक्शन लगा देना बहुत बड़ी घटना है. इसमें सभी ड्यूटी में तैनात डॉक्टरों और कर्मचारियों को निलंबित करना चाहिए.

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