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धीर राजपूत/फिरोजाबाद:देश की आज़ादी की लड़ाई में ऐसे कई वीर सपूत शहीद हो गए, जिन्होंने अग्रेजों से हार नहीं मानी और अंतिम सांस तक उनसे लड़ते रहे. उनमे एक नाम शहीद चन्द्रशेखर आज़ाद का भी है. यूपी के फिरोजाबाद में भी चंद्रशेखर आज़ाद अंग्रेजों से छुपकर काफी दिनों तक अज्ञातवास पर रहे और एक अखाड़े में लोगों को दांव पेच सिखाते रहे. यहां रहकर उन्होंने लोगों में आज़ादी की अलख जगाई, लेकिन वो अनजान बनकर रहे और उनके जाने के बाद लोगों को ये बात पता चली कि वो चन्द्रशेखर आज़ाद थे तो सब सुनकर दंग रह गए.

फिरोजाबाद के पेमेश्वर गेट के पास एक मंदिर है, जहां काफी पुराना कुश्ती अखाड़ा है. इतिहासकार प्रो ए बी चौबे की मानें तो अग्रेजों के शासनकाल में हर तरफ स्वंत्रता आंदोलन की लड़ाई चल रही थी. उनमें एक नाम चंद्रशेखर आज़ाद का भी था. उस दौरान सन 1924 से लेकर 1925 तक अग्रेजों से बचने के लिए चन्द्रशेखर आज़ाद अज्ञातवास पर रहे थे. जिनमें से कुछ दिन वो छुपते छुपाते पेमेश्वर गेट के पास बने अखाड़े पर आ गए और यहां एक मंदिर की गुफ़ा में वह लगभग एक महीने तक रहे.

एक बगीची में कुश्ती अखाड़े में सिखाए थे दांव पेच

अखाड़े में कुश्ती करने वाले लोग भी वहां आते जाते थे. लोगों को कुश्ती के दांव पेच सिखाने के लिए वो आ जाते थे और फिर उनके साथ कुश्ती करते थे, यह सब महीने तक चलता रहा. इस दौरान किसी को भी ये अनुमान तक नहीं हुआ कि जो शख्स उन्हें कुश्ती सिखा रहा है वो आम इंसान नहीं है. लोग कुश्ती करते रहे और एक दिन वो यहां से चले गए. उसके बाद जब लोगों को किसी तरह पता चला कि अग्रेजों से बचने के लिए चन्द्रशेखर आजाद उनके साथ रुके थे, तो लोग ये सुनकर दंग रह गए.

मंदिर की एक गुफा में ली थी शरण

इतिहासकार की मानें  तो अखाड़े के पास एक गुफ़ा बनी हुई है जो काफ़ी पुरानी है. अंग्रेजों से छुपते छुपाते चन्द्रशेखर आज़ाद अज्ञातवास के समय यही आकर रुक गए और एक महीने तक इसी गुफा में रहे, जहां उनके साथ अन्य लोग भी थे. देश में हर तरफ अंग्रेज चन्द्रशेखर आज़ाद को ढूंढ रहे थे, लेकिन किसी को ये पता नहीं चल सका कि चंद्रशेखर आज़ाद कहां हैं. यहां तक की फिरोजाबाद में भी लोग उन्हे नहीं पहचान सके. उनके जाने के बाद जब लोगों को पता चला की एक महान स्वतंत्रता सेनानी उनके साथ रूक थे, तो फिरोजाबाद में भी आज़ादी की ज्वाला भड़क उठी थी.
.Tags: Chandrashekhar Azad, Hindi news, Local18, Republic dayFIRST PUBLISHED : January 25, 2024, 16:44 IST

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