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रिपोर्ट- विशाल भटनागर
मेरठ. पश्चिम उत्तर प्रदेश के मेरठ को स्पोर्ट्स सामग्री का हब माना जाता है. देश के साथ-साथ विदेशों तक में मेरठ के बल्ले और बॉल सहित अन्य प्रोडक्ट की सप्लाई की किए जाते हैं. वहीं, अगर बात गल्फ कंट्री में खेले जाने वाले कैरम खेल की बात की जाए, तो इसमें भी मेरठ की धूम है. दरअसल यूपी के मेरठ में ही बड़ी मात्रा में कैरम बोर्ड तैयार किए जाते हैं.
वैसे तो आपको गर्मी के मौसम में हर घर में कैरम बोर्ड खेलते हुए लोग मिल जाएंगे. बच्चों में भी कैरम के प्रति काफी स्नेह होता है, लेकिन विदेशों की बात की याद गल्फ कंट्री में सबसे ज्यादा कैरम का उपयोग रहता है. News18 Local से खास बातचीत करते हुए सूरजकुंड स्पोर्ट्स एसोसिएशन के अध्यक्ष अनुज कुमार सिंघल ने बताया कि लंदन, इंग्लैंड, सऊदी, कुवैत, ओमान सहित अन्य देशों में बड़ी मात्रा में कैरम का एक्सपोर्ट होता है.
हाथ से होती है कारीगरीभले ही आज के दौर में आधुनिक मशीनों के माध्यमों से विभिन्न खेल सामग्री को तैयार की जाती हैं, लेकिन कैरम बोर्ड बनाने की विधि आज भी पुराने दौर की तरह की है. सबसे पहले कारीगरों द्वारा कीकर की लकड़ी को काट कर उससे कैरम बोर्ड के लिए चार कोने बनाए जाते हैं. उसके बाद चारों कोनों को कारीगर द्वारा जोड़ा जाता है. फिर उसमें एक प्लाई को फिट किया जाता. वहीं, प्लाई के सपोर्ट के लिए चारों ओर लकड़ी लगाई जाती है. इसके बाद कैरम में कैरम का चित्र बनाया जाता है, जिसमें चारों तरफ छेद किया जाता है. उसके बाद कैरम की फिनिशिंग की जाती है और फिर जाकर एक कैरम तैयार होता है.
गुणवत्ता का होता है विशेष ध्यानएक कैरम बोर्ड को बनाने में लगभग 3 से 4 कारीगर लगते हैं. जबकि विभिन्न साइज के कैरम बोर्ड तैयार किए जाते हैं. कैरम बनाने वाली फैक्ट्री के मालिक राजू त्यागी ने बताया कि कैरम बोर्ड की गुणवत्ता पर विशेष ध्यान रखा जाता है, क्योंकि विदेशों में बड़ी मात्रा में इसकी सप्लाई होती है. बताते चलें कि कैरम बोर्ड की कीमत 300 से लेकर हजारों रुपए तक है. जबकि हर साल करोड़ों का कारोबार होता है.ब्रेकिंग न्यूज़ हिंदी में सबसे पहले पढ़ें News18 हिंदी| आज की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट, पढ़ें सबसे विश्वसनीय हिंदी न्यूज़ वेबसाइट News18 हिंदी|Tags: England, Meerut news, Saudi arabia, UP newsFIRST PUBLISHED : October 17, 2022, 16:15 IST

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