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कृष्ण गोपाल द्विवेदी/बस्ती. इन दिनों पड़ रही भीषण गर्मी से इंसानों के साथ-साथ जानवर भी परेशान है. जंगल में भी तालाब एवं अन्य जलस्रोत सूख जाने से जंगली जानवर प्यास बुझाने के लिए यहां-वहां भटक रहे हैं, अब वह अपनी प्यास बुझाने के लिए पानी की तलाश में रहवासी क्षेत्रों का रुख कर रहे हैं. जिससे उनकी जान खतरे में पड़ जाती है. ऐसा ही मामला बस्ती जनपद से आया है. जहां पर जंगल छोड़ पानी की तलाश में बाहर आए हिरण को आवारा पशुओं ने अपना शिकार बना दिया. बस्ती जनपद में एक माह के अंदर कुत्तों के हमले से पांच में से तीन हिरणों की मौत भी हो चुकी है.

बस्ती जनपद में अगर हिरणों की संख्या की बात की जाए तो यहां पर चीतल प्रजाति के 77, पाढ़ा प्रजाति के 532, सांभर प्रजाति के 101, बारासिंहा प्रजाति के 87 हिरण हैं. जिले के सदर, कप्तानगंज, हर्रैया और रामनगर वन्य क्षेत्र हिरणो के लिए समृद्ध क्षेत्र है, गर्मी और बाढ़ के समय में अक्सर हिरण जंगल से आबादी की तरफ कूच कर जाते हैं. जिन पर आवारा कुत्तों का झुण्ड आक्रमण कर देते हैं. हिरण के अन्य प्रजाति के साथ बारासिंघा भी अकाल मौत के मुंह में चले जा रहे हैं.

हिरणों पर लगातार मंडरा रहा मौत का खतराविगत एक माह में बस्ती जनपद में साऊघाट के नारियाव गांव में कुत्तों के हमले से एक हिरण की मौत हो गई थी. तो वहीं कप्तानगंज के तेलियाडीह गांव में कुत्तों के हमले से हिरण घायल हो गया था. जिसको उपचार के बाद बचा लिया गया था. रूधौली ब्लॉक के पकरीजेई गांव में कुत्तों के हमले से एक हिरण की मौत ही गई थी. रूधौली ब्लॉक के छपिया गांव में भी कुत्तों के हमले से एक हिरण की मौत हो चुकी है. वहीं हाल में बीते 16 मई को कुत्तों के हमले से गौर विकासखंड के जैतापुर गांव में कुत्तों के हमले से एक हिरण घायल हो गया था जिसको उपचार के बाद बचा लिया गया था.

हिरणों को बचाने के लिए हो रहा प्रयासएसडीओ वन अनिल कुमार पाण्डेय ने बताया कि कुत्तों के हमले से हिरणों को बचाने के लिए एक पशु चिकित्सको के टीम बनाई गई है, जो घायल हिरणों का उपचार कर उनको जंगलों में छोड़ देते हैं. साथ ही वन क्षेत्र में पशुओं के लिए पानी की भी व्यवस्था वन विभाग की टीम द्वारा किया जा रहा है.
.Tags: Basti news, Uttar Pradesh News HindiFIRST PUBLISHED : May 24, 2023, 15:47 IST

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