[ad_1]

World Cup 2023: भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच वर्ल्ड कप 2023 का फाइनल मुकाबला 19 नवंबर को अहमदाबाद के नरेंद्र मोदी स्टेडियम में खेला जाएगा. 20 साल बाद एक बार फिर भारत का सामना वर्ल्ड कप के फाइनल में ऑस्ट्रेलिया से होगा. ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ वर्ल्ड कप फाइनल से पहले टीम इंडिया के स्टार क्रिकेटर रवींद्र जडेजा की बहन ने अपने भाई के लिए बड़ी मन्नत मांगी है. रवींद्र जडेजा की बहन नयनाबा जाडेजा का कहना है कि उनके भाई का नाम वर्ल्ड चैंपियंस की लिस्ट में होगा.
फाइनल में जीत के लिए जडेजा की बहन ने रखी मन्नतटीम इंडिया के स्टार क्रिकेटर रवींद्र जडेजा की बहन नयनाबा जाडेजा ने कहा, ‘टीम इंडिया फाइनल में इस बार बहुत अच्छा प्रदर्शन करेगी. मैं स्टेडियम में मैच देखने नहीं जा रही हूं, क्योंकि मुझे अपने भाई के लिए माताजी से प्रार्थना करनी है. भाई क्रिकेट के मैदान पर अच्छा प्रदर्शन करेंगे और उनका नाम भी इतिहास के वर्ल्ड चैंपियंस की लिस्ट में लिखा जाएगा. टीम भारत के बल्लेबाज और गेंदबाज सभी खिलाड़ी पूरा जोर लगा रहे हैं. अहमदाबाद के घरेलू मैदान पर भारत मैच खेलने जा रहा है. वर्ल्ड कप फाइनल मैच में  टीम इंडिया को पक्का जीत मिलेगी.’ 
बल्ला घुमाना जीत का प्रतीक
रवींद्र जडेजा अक्सर मैच में बड़ी उपलब्धि हासिल करने के बाद हवा में बल्ला घुमाकर तलवारबाजी करने की स्टाइल में जश्न मनाते हैं. रवींद्र जडेजा की बहन नयनाबा जाडेजा ने अपने भाई के इस सेलिब्रेशन पर बड़ा खुलासा करते हुए कहा है कि उनके भाई का क्रिकेट के मैदान पर बल्ला घुमना जीत का प्रतीक है. बता दें कि रवींद्र जडेजा ने 17 साल की उम्र में ही अपनी मां को खो दिया था, लेकिन उनकी बहन नयनाबा जाडेजा ने उनकी बेहतर तरीके से परवरिश की है. रवींद्र जडेजा का जन्म 6 दिसंबर 1988 को गुजराती राजपूत परिवार में हुआ. उनकी मां लता की 2005 में एक दुर्घटना में मृत्यु हो गई.  
मां की मृत्यु के बाद बहन ने पाला 
रवींद्र जडेजा की मां उन्हें क्रिकेटर बनाना चाहती थी. हालांकि जडेजा की मां अपने बेटे को भारतीय टीम की जर्सी में नहीं देख पाई. मां की मृत्यु के बाद रवींद्र जडेजा ने क्रिकेट से मुंह मोड़ लिया था. लेकिन जडेजा की बहन ने उनकी इस कदर हिम्मत बनीं कि वह एक शानदार खिलाड़ी बनकर उभरे. 2006 में अंडर-19 वर्ल्ड कप से ठीक एक साल पहले उनकी मां का निधन हुआ. रवींद्र जडेजा की मां का निधन हो जाने के बाद उनकी बड़ी बहन नैना ने उनको सहारा दिया और परिवार को भी संभाला. जिसके बाद जडेजा ने फिर से क्रिकेट खेलना शुरू किया. बता दें कि जडेजा के पिता एक प्राइवेट सिक्योरिटी एजेंसी में सिक्योरिटी गार्ड थे. उनके पिता चाहते थे कि वह एक आर्मी ऑफिसर बनें लेकिन जडेजा की रुचि क्रिकेट में थी, और वे क्रिकेट में ही आगे बढ़ गए.

[ad_2]

Source link